यूजीन। टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता भारत के नीरज चोपड़ा को विश्व एथलेटिक चैंपियनशिप में रजत पदक से संतोष करना पड़ा है। हालांकि उन्होंने एक इतिहास रच दिया। वह लंबी कूद एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद इस प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बन गए हैं। नीरज ने 88.13 मीटर तक भाला फेककर रजत पदक हासिल किया। 90.54 मीटर तक भाला फेकने वाले ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने स्वर्ण पदक जीता।
नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो फाउल करार दिया गया था। इसके बाद उन्होंने दूसरे और तीसरे प्रयास में क्रमशः 82.39 और 86.37 मीटर तक भाला फेका। चौथे प्रयास में उन्होंने भाला फेकने के बाद दहाड़ सी लगाई। इस बार उनका भाला 88.13 मीटर दूर गिरा और यही उनके रजत पदक का फासला था। कांस्य पदक जर्मनी के जूलियन वेबर ने जीता, जिन्होंने 88.09 मीटर तक भाला फेका।
पोडियम पर मेडल पहनने के बाद नीरज चोपड़ा ने उस वजह का जिक्र किया, जिसने उन्हें स्वर्ण पदक से वंचित किया। नीरज ने बताया कि थ्रो करते वक्त उन्हें हवा के दबाव से दिक्कत हो रही थी। इसी के चलते पहला प्रयास फाउल हुआ। इसके बाद हर प्रयास में उन्हें इस दिक्कत का सामना करना पड़ा। वैसे मुझे खुशी है कि मैं देश के लिए रजत पदक जीतने में कामयाब हो गया।
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