लंदन। विम्बलडन के इतिहास में संभवतः पहली बार होगा, जब यह ग्रैंडस्लैम प्रतियोगिता थोड़े नीरस और कड़वाहट भरे माहौल में शुरू होगी। ऑल इंग्लैंड क्लब में इस बार न रूसी और बेलारूसी खिलाड़ी दिखेंगे और न ही खिलाड़ियों को रैंकिंग दी जाएगी। थोड़ा बहुत रोमांच पूर्व चैंपियन सेरेना विलियम्स की वापसी का ही होगा।
27 जून से 10 जुलाई तक होने वाले साल के तीसरे ग्रैंडस्लैम में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी रूस के दानिल मेदवेदेव नहीं दिखेंगे। उनके सहित रूस और बेलारूस के सभी खिलाड़ियों को इस प्रतियोगिता से प्रतिबंधित किया जा चुका है। इसकी वजह यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई और इसमें रूस को बेलारूस का सहयोग है।
ऑल इंग्लैंड क्लब के इस फैसले पर विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी हॉल ऑफ फेम की सदस्य मार्टिना नवरातिलोवा ने अफसोस जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि इसमें क्या गलत है कि वे अपने देश से प्यार करते हैं।
एक रिपोर्ट के अमेरिका के 24वें वरीय खिलाड़ी फ्रांसिस तियाफू ने कहा कि विम्बलडन में वरीयता अंक नहीं मिलना काफी निराशाजनक है। मैंने काफी सोचने के बाद ग्रासकोर्ट टूर्नामेंट में नहीं खेलने का फैसला किया। खिलाड़ियों के बीच यह भी अफवाह थी कि इस साल विम्बलडन की प्राइजमनी में कटौती की जा सकती है, लेकिन यह निर्मूल साबित हुई।
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