न्यूयार्क। अमेरिकी ओपन टेनिस प्रतियोगिता में रूस और बेलारूस के खिलाड़ी खेल सकेंगे। विम्बलडन में इन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि यूएस ओपन के आयोजक भी ऐसा कर सकते हैं।
यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई और बेलारूस के इसमें सहयोग करने के चलते विम्बलडन के आयोजकों ने इन दोनों देशों के खिलाड़ियों के इस साल प्रतियोगिता में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसपर विम्बलडन की काफी आलोचना हुई है।
न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूएस ओपन के आयोजक द यूनाइटेड स्टेट्स टेनिस एसोसिएशन ने मंगलवार को कहा कि एसोसिएशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में यह फैसला हुआ कि रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा।
एसोसिएशन के चीफ एग्जीक्यूटिव लियू शर ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन हम इसके लिए खिलाड़ियों को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विम्बलडन के आयोजकों ने जो फैसला किया, उसके पीछे उनके देश की सरकार का निर्णय था। हमारे साथ ऐसी स्थिति नहीं है।
अमेरिकी ओपन में खेलने वाले रूसी और बेलारूसी खिलाड़ियों के लिए एक शर्त यह होगी कि वे तटस्थ ध्वज के तले खेलेंगे। ऐसा ही हाल में हुए फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट में भी हुआ था। यूएस ओपन 29 अगस्त से शुरू होगा।
पिछले साल यूएस ओपन का खिताब रूस के दानिल मेदवेदेव ने जीता था और इस समय वह एटीपी रैंकिंग में नंबर एक हैं। उधर बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका तीन बार की यूएस ओपन चैंपियन हैं। बेलारूस की ही एरीना सबालेंका पिछले साल यूएस ओपन के सेमीफाइनल में पहुंची थीं।
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