बैंकाक। भारतीय पुरुष खिलाड़ियों ने इतिहास लचते हुए पहली बार थॉमस कप बडमिंटन के फाइनल मे प्रवेश किया। 2-2 की बराबरी के बाद निर्णायक एकल में भारत के प्रणोय एचएस ने डेनमार्क के रास्मस डोम्के को 13-21, 21-9, 21-12 से हराकर भारतीय प्रशंसकों को सुखद अनुभूति दे दी। प्रणोय ने चोटिल होने के बावजूद यह मुकाबला जीतकर अपने जज्बे का परिचय दिया। भारत ने यह मुकाबला 3-2 से जीता
थॉमस कप में शुक्रवार को सेमीफाइनल में भारत ने 2-1 की बढ़त लेने के बाद डेनमार्क को 2-2 से बराबरी करने का मौका दे दिया। पहले एकल में लक्ष्य सेन की पराजय के बाद युगल जोड़ी चिराग और सात्विक और फिर दूसरे एकल में किंदांबी श्रीकांत ने जीत दर्ज कर भारत को 2-1 से बढ़त दिलाई थी। इसके बाद दूसरे युगल में भारतीय जोड़ी सीधे गेमों में परास्त हो गई।
बढ़त से उत्साहित भारतीय खेमें में वह जज्बा नहीं दिखा। कृष्ण प्रसाद और विष्णु वर्धन की जोड़ी ने कई गलतियां कीं। इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। डेनमार्क के एंडर्स और फ्रेड्रिक की जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को आसानी से21-14, 21-13 से पराजित कर दिया।
इसके पहले किंदांबी श्रीकांत ने दूसरे एकल मैच में डेनमार्क के एंडर्स एंटोन्सेन को पराजित कर टीम को 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त दिला दी। हालांकि पहले मैच में लक्ष्य सेन को विक्टर एक्सेल्सेन के खिलाफ पराजय झेलनी पड़ी। इसके बाद युगल मुकाबले में सात्विक साइराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने डेनमार्क के किम और मेथियास की जोड़ी को हराकर भारत को 1-1 की बराबरी दिला दी थी।
भारतीय जोड़ी ने डेनमार्क की जोड़ी पर 21-18स 11-9, 22-20 से जीत हासिल की। इसके पहले चिराग 13-21, 13-21 से मैच हार गए थे। किंदांबी ने जोरदार शुरुआत करते हुए पहला गेम 21-18 से जीत लिया। दूसरे गेम में वह थोड़ा डगमगाए, जिसका फायदा उठाते हुए डेनमार्क के खिलाड़ी ने यह सेट 21-12 से जीत लिया। तीसरे सेट में श्रीकांत ने फिर दम दिखाया। उनकी सर्विस का डेनमार्क के खिलाड़ी के पास कोई जवाब नहीं था। श्रीकांत ने एंडर्स को कोर्ट में चारों ओर दौड़ाया। तीसरे गेम में श्रीकांत के पास छह गेम प्वाइंट थे। उन्होंने अपनी सर्विस गंवाई, लेकिन एंडर्स की सर्विस पर अंक हासिल करते हुए गेम 21-15 से जीत लिया।
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