वाराणसी। बीएचयू के पर्वतारोहियों ने उत्तराखंड की रूपकुड पहाड़ी पर सफलतापूर्वक विश्वविद्यालय का ध्वज लहराया। बीएचयू का दल अभियान पूरा कर सोमवार को लौट आया।
पर्वतारोहियों के दल को बीएचयू के रेक्टर प्रो. वीके शुक्ल ने सात जून को रवाना किया था। दल में छः छात्राएं एवं छः छात्रों के साथ प्रशिक्षक बलराम यादव एवं शिवनारायण यादव शामिल रहे। पर्वतारोहण केन्द्र के प्रभारी प्रो. अनिल कुमार सिंह के साथ पूर्व छात्र अनुपम अग्रवाल, अमित कुमार, अनिल यादव एवं विवेक रजक ने टीम को बीएचयू स्थित केन्द्र पहुंचने पर स्वागत किया एवं बधाई दी।
यह दल वाराणसी से रेलमार्ग द्वारा काठगोदाम होते हुए उत्तराखण्ड स्थित लोहाजंग पहुंचा, जहां से 14 किमी पैदल ट्रैकिंग की शुरुवात हुई। दल ने पहला कैम्प डिडना में लगाया, जिसकी ऊंचाई 8100 फीट है। फिर दूसरा कैम्प सात किलोमीटर ऊपर आली बुग्याल के पास अविन खरक पर लगाया जो लगभग 12 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पहाड़ों पर ऊंचाई के अनुसार अपने शरीर को ढालने के लिए वातानुकूलन आवश्यक है। लगातार ऊपर नहीं जाया जा सकता। इसलिए बीच-बीच में शिविर लगाना पड़ता है।
तीसरा कैम्प पाताल नचौनी के पास लगा जिसकी ऊंचाई लगभग 15000 फीट है। यह समिट कैम्प था, जहां से रूपकुण्ड के लिए 17 किमी की चढ़ाई बाकी थी। अधिक ऊंचाई के वजह से टीम का एक सदस्य हाई अल्टीट्यूड सिकनेस का शिकार हुआ और उसे इसी कैम्प में रोकना पड़ा। बाकी गाइड समेत कुल 14 सदस्यों ने आधी रात में ही अपने निर्याणक स्थल तक पहुंचने के लिए चढ़ाई शुरू की। यह अत्यंत दुर्गम रास्ता था रास्ते में कई बर्फीले ढलानों को पार करते हुए खड़ी चढ़ाई वाले इस ट्रैक को दल ने सात घण्टों में पूरा कर लिया।
रूपकुण्ड पर पहुंच कर दल ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का झण्डा फहराया। रूपकुण्ड समुद्रतल से लगभग 16500 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां नरकंकालों का ढेर मिलता है जो दुनिया के लिए पहेली बनी हुई है। रूपकुण्ड का अधिकांश हिस्सा बर्फ से ढका रहता है चारों से हिम मण्डित शिखर इसकी शोभा बढ़ाते है। इसके पीछे त्रिशूल पर्वत है।
दल के सदस्यों में लीडर- ऋषि यादव, डिप्टी लीडर- प्रियल मिश्रा, क्वार्टर मास्टर- पूनम सैनी, भवानी प्रसाद सिंह, मेडिकल ऑफिसर- अंजली शर्मा, इन्फोर्मेशन ऑफिसर-राजश्री जैन, एक्युप्मेंट ऑफिसर – स्नेहल प्रकाश, लगेज ऑफिसर- कोमल प्रजापति एवं अभिषेक मौर्या, ट्रांसपोर्ट ऑफिसर- अभिषेक चंदेल, अंशू यादव, रिक्रिएशन ऑफिसर- नन्दिनी प्रजापति के साथ गाइड- माइक फरसवान, प्रशिक्षक बलराम यादव व शिवनारायण यादव शामिल हैं।