गेलांग। क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में किसी भी टीम को मजबूत या कमजोर तबतक नहीं कहा जा सकता, जबतक वह मैदान पर न उतर जाए। टी-20 क्रिकेट ने कई नई टीमों और खिलाड़ियों को अचानक आसमान दिखाया और दिग्गजों को जमीन सुंघाई है। ऐसा ही अनुभव टी-20 विश्व कप के ग्रुप चरण के पहले मैच में एशियाई चैंपियन श्रीलंका को नामीबिया के खिलाफ करना पड़ा। नामीबिया ने पहले मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट पर 163 रन बनाए।
नामीबिया क्रिकेट के लिए नया नाम है, लेकिन विश्व कप के अपने पहले मैच में इसके बल्लेबाजों ने जो जज्बा दिखाया, उसने दिग्गज टीमों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। खासतौर पर दक्षिण अफ्रीका में जन्मे ऑलराउंडर जेन फ्राइलिंक और जोनाथन स्मिट ने अंतिम ओवरों में जैसी बल्लेबाजी की, वह गेंदबाजों की चिंता बढ़ाने के लिए काफी है। ऐसा इसलिए कि इन दोनों ने ये रन श्रीलंका जैसे विश्वस्तरीय गेंदबाजी आक्रमण के सामने बनाए।
नामीबिया के छह विकेट 93 रे के स्कोर पर 15वें ओवर में गिर चुके थे। इसके बाद फ्राइलिंक और स्मिट ने मोर्चा संभाला और जबर्दस्त प्रहार करते हुए टीम का स्कोर 20 ओवर में सात विकेट पर 163 रन तक पहुंचा दिया। यानी इन दोनों ने 34 गेंदों पर 70 रन जोड़ दिये। फ्राइलिंक ने 28 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 44 रन बनाए और वह अंतिम गेंद पर रन आउट हुए। उनके साथी स्मिट 16 गेंदों पर दो चौके और दो छक्के की मदद से 31 रन बनाकर अविजित रहे।
इन दोनों के पहले जैन निकोल ने 12 गेंदों पर 20, स्टीफन बार्ड ने 24 गेंदों पर 26 और कप्तान गेरहार्ड इरेस्मस ने 24 गेंदों पर 20 रन बनाए। श्रीलंका के लिए मधुशन लियानगमगे ने दो विकेट लिए। महीश तीक्ष्णा, दुश्मंथा चमीरा, चमिका गुणरत्ने और वानिंदु हसरंगा को एक-एक सफलता मिली।