पर्थ। टी-20 विश्व कप में ग्रुप दो के सुपर 12 मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीयों का प्रदर्शन काफी दयनीय रहा। पहले बल्लेबाजी में बुरी तरह निराश करने के बाद फील्डिंग में भी फिसड्डी प्रदर्शन किया। विराट कोहली, रोहित शर्मा, सूर्यकुमार ने न सिर्फ कैच छोड़े, बल्कि रन आउट करने के मौके भी गंवाए। इसके चलते एक समय संघर्ष कर रही दक्षिण अफ्रीकी टीम ने वापसी की और पांच विकेट से मैच जीतने के साथ ही पांच अंकों के साथ अंकतालिका में शीर्ष स्थान भी हासिल कर लिया। एडिन मार्करम और डेविड मिलर ने अर्धशतक जमाकर टीम को जिता दिया। भारत को अब सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए बांग्लादेश और जिम्बाबवे के खिलाफ मैच जीतने होंगे।

अंतिम ओवर में छह रन की जरूरत थी। भुवनेश्वर की पहली गेंद पर रन नहीं बना। दूसरी गेंद पर पार्नेल ने एक रन लिया। तीसरी गेंद पर विकेटकीपर के ऊपर से चौका लगा। चौथी गेंद पर एक रन लेकर मिलर ने टीम को जीत दिला दी। मिलर तीन चौके और तीन छक्के की मदद से 56 रन बनाकर अविजित रहे।
अंतिम पांच ओवरों में दक्षिण अफ्रीका को जीतने के लिए 40 रन की जरूरत थी और सात विकेट बाकी थे। इसी बीच दिनेश कार्तिक को पीठ में दर्द हुआ और नए नियम के मुताबिक ऋषभ पंत को विकेटकीपिंग करने के लिए बुलाया गया। 16वं ओवर में पांड्या की गेंद पर मार्करम का कैच सूर्यकुमार यादव ने पकड़ लिया। मार्करम ने 52 रन बनाए। चौथा विकेट 100 रन पर गिरा। अर्शदीप ने 17वें और अपने अंतिम ओवर में सात रन दिए। अब 18 गेंदों पर 25 रन बनाने की जरूरत थी। मिलर ने अश्विन की पहली गेंद पर छक्का जड़ दिया। अगली गेंद पर फिर छह रन। हालांकि चौथी गेंद पर अश्विन ने स्टब्स को पगबाधा आउट कर दिया। अब दो ओवरों में 12 रन की जरूरत थी। 19वें ओवर में शमी की पहली गेंद पर चौका लगाकर मिलर ने अर्धशतक पूरा कर लिया।
अर्शदीप ने पर्थ में भारतीय प्रशंसकों को पारी के दूसरे और अपने पहले ही ओवर में झूमने का मौकै दे दिया। उन्होंने तीन गेंदों मे क्विंटन डिकॉक और पिछले मैच के शतकवीर रीली रूसो को पैवेलियन भेज दिया। रूसो को हालांकि अंपायर ने आउट नहीं दिया, लेकिन विकेटकीपर कार्तिक के कहने पर रोहित ने डीआरएस लिया और रूसो स्टम्प के सामने थे, जब गेंद उनके पैड पर लगी।
छठे ओवर में मोहम्मद शमी ने दक्षिण अफ्रीकी कप्तान तेंदा बावुमा को विकेटकीपर कार्तिक के हाथों कैच कराकर प्रोटेस को तीसरा झटका दिया। पावर प्ले के छह ओवरों में दक्षिण अफ्रीका ने तीन विकेट पर 24 रन बनाए थे। 10वें ओवर तक दक्षिण अफ्रीका के तीन विकेट पर 40 रन बने थे। प्रोटेस के 50 रन 11वें ओवर में पूरे हुए। 12वें ओवर में विराट कोहली ने अश्विन की गेंद पर एडिन मार्करम का आसान कैच मिडविकेट पर गिरा दिया। 13वें ओवर में मार्करम को रन आउट करने का आसान मौका रोहित ने गंवा दिया। डेविड मिलर और मार्करम के बीच चौथे विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी 49 गेंदों पर पूरी हुई। 14वें ओवर में दक्षिण अफ्रीका जीत की ओर बढ़ चला था। मार्करम ने 15वें ओवर में अपना अर्धशतक पूरा किया। इसमें छह चौके और एक छक्का शामिल था।
इसके पहले तेज विकेट और उछाल लेती गेंदों ने भारत की मजबूत बल्लेबाजी की रविवार को खूब परीक्षा ली। इसमें भारत का शीर्षक्रम पूरी तरह फेल हो गया। फॉर्म में चल रहे विराट कोहली और हार्दिक पांड्या भी लुंगी एनगिडी के तूफान से बच नहीं पाए। एनगि़डी न 29 रन देकर चार विकेट लिए। वह तो सूर्यकुमार यादव दक्षिण अफ्रीकी तूफान और भारतीय बल्लेबाजी के बीच आ खड़े हुए कि टीम का स्कोर 100 के पार पहुंच गया। सूर्यकुमार इस साल पर्थ में एक पारी में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज भी बन गए। इस टूर्नामेंट में पहली बार भारत के सभी बल्लेबाज खेलने उतरे। भारत ने नौ विकेट पर 133 रन बनाए।
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारतीय टीम में एक परिवर्तन कर अक्षर पटेल के स्थान पर दीपक हुड्डा को टीम में शामिल किया गया।
विकेटों के पतझड़ के बाद 15वें और लुंगी एनगिडी के चौथे ओवर में सूर्यकुमार यादव ने 30 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया। इसमें तीन चौके और तीन छक्के शामिल थे। इसी के साथ उन्होने दिनेश कार्तिक के साथ 37 गेंदों पर अर्धशतकीय साझेदारी भी पूरी की। अगली गेंद पर एक रन लेकर भारत का स्कोर 100 रन तक पहुंचाया। 15 ओवर में भारत का स्कोर पांच विकेट पर 101 रन था। हालांकि 16वें ओवर की पहली गेंद पर कार्तिक को पार्नेल ने आउट कर दिया। फिनिशर के तौर पर शामिल कार्तिक 15 गेंदें खेलकर छह रन बना सके।
केएल राहुल पर फॉर्म का दबाव साफ दिखा। पार्नेल का पहला ओवर बिना रन बनाए खेला। अगले ओवर में उन्होंने एक छक्का लगाया, लेकिन पारी को बढ़ा नहीं पाए। रोहित रन गति का दबाव नहीं झेल सके। पहले चार ओवर के बाद लुंगी एनगिडी गेंदबाजी करने आए तो रोहित ने बल्ला खोलना चाहा। हालांकि वह गेंद की उछाल को सही तरीके से समझ नहीं सके और एनगिडी ने उनका कैच पकड़ लिया। दबाव इस बार कोहली और हार्दिक भी नहीं झेल पाये। विश्व कप में पहली बार शामिल दीपक हुड्डा भी खाता खोले बिना नोकिए की गेंद पर बल्ला अड़ाकर विकेटकीपर डिकॉक को कैच थमाकर पैवेलियन लौट गए।