नई दिल्ली। एशियाई क्रिकेट परिषद जो योजना बना रहा है, अगर वह अमल में आती है तो करीब डेढ़ दशक बाद भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी एक ही टीम में खेलते दिखेंगे। एक ही ड्रेसिंग रूम में खेल की योजना बनाएंगे। दरअसल एसीसी अफ्रो-एशिया कप की फिर से शुरुआत करना चाहता है। इसके लिए 2023 के सत्र में विडो तलाशी जा रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक जल्दी ही इस बारे में कोई कार्यक्रम बना लिया जाएगा। अफ्रो-एशिया कप अबतक दो बार 2005 और 2007 में आयोजित किया जा चुका है। तब एशियाई टीम में भारत और पाकिस्तान के अलावा बांग्लादेश और श्रीलंका के क्रिकेटर भी होते थे।
भारत और पाकिस्तान की टीमें पिछले 10 साल से द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली हैं। आखिरी बार 2012 में भारत ने ऐसी द्विपक्षीय सीरीज की मेजबानी की थी। इसकी वजह दोनों देशों के बीच राजनीतिक और सामरिक तनाव है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में ये दोनों एक-दूसरे के सामने होती रही हैं।
वर्ष 2005 में पहले अफ्रो-एशिया टूर्नामेंट में तीन एक दिवसीय क्रिकेट मैच खेले गए थे। 2007 में इसका दूसरी बार आयोजन हुआ तो एक टी-20 मैच भी खेला गया था। एशियाई क्रिकेट परिषद को अगर इसके आयोजन में सफलता मिलती है तो भारत-पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश के खिलाड़ी एक टीम में खेलते दिखाई देंगे।
एसीसी के प्रमुख (कमर्शियल ऐंड इवेंट्स) प्रभाकरन धनराज ने फोर्ब्स से कहा कि हमें अभी संबंधित क्रिकेट बोर्डों से इस बारे में सहमति नहीं मिली है। हम उन्हें इसके लिए पत्र लिख रहे हैं। हमारी योजना है कि इस टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी खेलें।
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