चेन्नई। भारत के युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञाननंदा मेल्टवाटर चैम्पयंस चेस टूर के फाइनल में पहुंच गए हैं। उन्होंने मंगलवार को सेमीफाइनल में अनीश गिरि को से पराजित कर दिया।
सिर्फ 16 साल की उम्र में शतरंज की दुनिया में सनसनी फैला देने वाले प्रज्ञाननंदा ने नीदरलैंड के नंबर एक खिलाड़ी गिरि की खिलाफ अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन किया। गिरि इस टूर में अबतक अविजित रहे थे। फाइनल में प्रज्ञाननंदा का मुकाबला विश्व के नंबर दो खिलाड़ी डिंग लिरेन से होगा, जिन्होंने दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को चौकाते हुए खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया।
11वीं कक्षा की परीक्षा की तैयारी कर रहे प्रज्ञाननंदा के लिए यह काफी महत्वपूर्ण क्षण हैं। प्रज्ञाननंद और गिरि के बीच पहला गेम बराबरी पर छूटा था। दूसरे गेम के अंतिम समय में प्रज्ञाननंदा ने गिरि के मोहरों को अपने चक्रव्यूह में फंसा लिया। गिरि बचाव नहीं कर सके और मात खा गए। गिरि पहली बार टूर्नामेंट में कोई गेम हारे थे। दोनों के बीच तीसरा गेम बराबरी पर छूटा। हालांकि इस गेम में गिरि के पास जीतने का मौका था, लेकिन भारतीय युवा खिलाड़ी ने इसे बखूबी बचा लिया। इन दोनों के बीच मुकाबला 2-2 की बराबरी पर आ गया था।
मैच के फैसले के लिए टाईब्रेक का सहारा लिया गया। यह काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन अंततः प्रज्ञाननंदा के हाथ सफलता लग गई। मैच के बाद ग्रैंडमास्टर डेविड होवेल ने कहा, मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं कुर्सी पर बैठे शतरंज के एक सितारे को आसमान में लगातार चमकते हुए देख रहा हूं।
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