नई दिल्ली। शनिवार से शुरू हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पारंपरिक कला मलखंभ विशेष आकर्षण होगा। इसके अलावा चार अन्य परंपरागत भारतीय खेलों को भी इनमें शामिल किया गया है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में लगभग 8500 एथलीट भाग ले रहे हैं, जिनमें 2262 लड़कियां भी शामिल हैं। ये खेल 13 जून तक चलेंगे।
केंद्रीय युवा एवं खेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि परंपरागत खेलों को मुख्य धारा में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। मलखंभ भारत की काफी प्राचीन खेल कला है, जिसमें ‘मल्ल’ को जिम्नास्ट और ‘खंभ’ को पोल के रूप में जाना जाता है।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स में देश के 16 राज्यों के एथलीट भाग लेंगे। खेलों का आयोजन पंचकूला के अलावा शाहाबाद, अंबाला, चंडीगढ़ और दिल्ली में किया जायेगा। मलखंभ के अलावा जिन खेलों को शामिल किया गया है वे गटका, थंग-ता, योगासन, कलारिपायत्तु हैं। इनमें मलखंभ और योगासन शारीरिक फिटनेस और शेष भारतीय परंपरागत मार्शल आर्ट हैं।
खेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत के परंपरागत खेलों को निचले स्तर पर मजबूत करने की योजना है, इसलिए इन्हें मुख्य धारा के खेलों में शामिल किया गया है। इन खेलों में श्वांस पर नियंत्रण और शरीर की स्ट्रेचिंग के जरिए स्वस्थ रहने का मंत्र छिपा है। समझा जाता है कि ये कलाएं मानवता के विकास के साथ इसकी शुरुआत से ही जुड़ी हैं।
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