वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने बुधवार को भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी को श्रद्धा के सुमन अर्पित किए। गौरतलब है कि लाल बहादुर शास्त्री जी ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से ही शास्त्री की डिग्री प्राप्त की थी।

किसी भी संस्थान से इस तरह के व्यक्तित्व का निकलना अपने आप में बहुत ही गर्व की बात होती है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी शास्त्री जी को याद करते हुए अक्सर कहते हैं की शास्त्री जी का व्यक्तित्व इतना महान था कि वह अपने आप में एक संस्था ही थे और काशी विद्यापीठ का छात्र होने के नाते पूरे काशी विद्यापीठ परिवार के लिए इससे बड़ी गौरव की दूसरी कोई बात नहीं हो सकती अगर काशी विद्यापीठ के सभी छात्र, कर्मचारी और अध्यापक शास्त्री के जीवन को आदर्श मानकर कार्य करें तो इससे बड़ी श्रद्धांजलि शास्त्री जी को कुछ और नहीं हो सकते।
गौरतलब है कि स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख गढ़ रहे काशी विद्यापीठ के यशस्वी छात्रों में लाल बहादुर शास्त्री जी का नाम भी शामिल है। उन्होंने यहीं से 1925 में स्नातक की डिग्री हासिल की। इस डिग्री को उस समय ‘शास्त्री ‘ कहा जाता था। उन्होंने विद्यापीठ से ही अपने नाम के आगे ‘शास्त्री’ लगाना शुरू किया। पहले उनका नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था। दर्शन उनका पसंदीदा विषय था। प्रख्यात दार्शनिक और भारतरत्न भगवानदास उनके गुरु थें।
प्रधानमंत्री बनने के बाद जब “शास्त्री जी” काशी विद्यापीठ पुनः पधारे
बतौर प्रधानमंत्री छह फरवरी 1965 को उन्होंने यहां के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि काशी विद्यापीठ के प्रति आकर्षण उनके लिए स्वाभाविक है। इसी विद्यापीठ में वह भी एक विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने अपने संबोधन में विद्यापीठ के पुराने दिनों की याद की। यहां की शिक्षा व्यवस्था का जिक्र किया। शास्त्री जी ने कहा कि उस समय हिन्दी में पाठ्य-पुस्तकों का अभाव था। ऐसे अध्यापकों की कमी थी, जो हिन्दी भाषा में इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और दर्शनशास्त्र आदि विषयों ऊंची कक्षाओं मे पढ़ा सकें।
देश की व्यवस्था के सामने विद्यापीठ ने यह उदाहरण रखा कि ऊंची शिक्षा के लिए विदेशी भाषा की जरूरत नहीं है। पुण्यतिथि के अवसर पर काशी विद्यापीठ के अधिकारियों अध्यापकों कर्मचारियों तथा छात्र द्वारा लाल बहादुर शास्त्री जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए ।इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव हरीश चंद, छात्र कल्याण संकाय अध्यक्ष प्रो. केके सिंह, प्रो. संजय, संपत्ति अधिकारी डॉ. सूर्यनाथ सिंह, पीआरओ डॉ. नवरत्न सिंह, डायरेक्टर एनटीपीसी परिसर डॉ. चंद्रशेखर सिंह, डॉ. बिजेंद्र प्रताप, प्रो. निमिषा गुप्ता, अरिंदम श्रीवास्तव, प्रो. राजेश कुमार मिश्र तथा प्रो. अनिल कुमार चौधरी आदि लोग उपस्थित थे।