वाराणसी। बीएचयू के दृश्य कला संकाय के प्रो. एस प्रणाम सिंह ने कहा है कि पोट्रेट कला के क्षेत्र में सबसे उपयोगी विषय है। यह चिंता की बात है कि महाविद्यालयों में यह विषय नहीं पढ़ाया जाता।

पोट्रेट आर्टिस्ट ग्रुप मुंबई एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग की ओर से तीन दिवसीय वार्षिक पोट्रेट प्रतियोगिता का शुक्रवार को उद्घाटन करते हुए उन्होंने यह बात कही। प्रो. सिंह ने कहा कि पोट्रेट आर्टिस्ट ग्रुप मुंबई का इस दिशा में प्रयास सराहनीय कदम है।उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता प्रत्येक वर्ष मुंबई में आयोजित हो रहा था, लेकिन इस वर्ष ललित कला विभाग में हो रहा है,यह गर्व की बात है। प्रो. सिंह ने कहा कि इस प्रतियोगिता मे 12 प्रतिभागियों को भाग लेना है। उन्हें मैं अपने दिल से हार्दिक बधाई, शुभकामनाये देता हूं।
कार्यक्रम के संस्थापक कालिदास पुरस्कार से सम्मानित वासुदेव कामत ने कहा कि यह प्रतियोगिता देश के अलग-अलग प्रदेशों से निपुण 12 कलाकारों को मौका दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि पोट्रेट बनाना आसान नहीं होता, जो सामने मॉडल बैठा हुआ व्यक्ति जिसका पोट्रेट बनाया जा रहा है, उसमें उनकी चरित्र को वरना सबसे कठिन कार्य होता है। उन्होंने बताया कि 2 दिन के प्रयास में प्रतिभागियों का अपना हुनर दिखाना होगा। उन्होंने बताया कि इन प्रतिभागियों में से प्रथम,द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिनांक 13 फरवरी को पुरस्कार दिया जाएगा।
इस अवसर पर विजय आर्चेकर,मनोज साकले, अभिषेक आचार्य, स्नेहल पागे, प्रकाश धारगे,डॉ. सुनिल कुमार कुशवाहा, डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद, डॉ रामराज, डॉ.सविता यादव.डॉ स्नेह लता कुशवाहा. शालिनी कश्यप मौजूद रहीं। कार्यक्रम का संचालन गायत्री मेहता ने किया।