वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षा शास्त्र विभाग में शोधार्थियों के लिए आयोजित “शोध मे निर्धारण मापनी की उपयोगिता” विषयक व्याख्यान मे राजघाट स्थित वसंत कॉलेज की शिक्षा शास्त्र विभाग की आचार्य प्रो. आशा पान्डेय ने कहा कि निर्धारण मापनी से चरों में उपस्थित गुणों का संकलन किया जाता है। निर्धारण मापनी मे निर्धारक किसी व्यक्ति के विभिन्न गुणों की मात्रा, तीव्रता या बारम्बारता का निर्धारण अपने स्व विवेक के आधार पर करता है।
प्रो. पांडे ने यह भी कहा कि निर्धारण मापनी किसी व्यक्ति मे उपस्थित गुणों की मात्रा,उसकी तीव्रता तथा बारम्बारता के सम्बन्ध को ज्ञात करने का एक सरल साधन है। विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र वर्मा ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि निर्धारण मापनी शोध के क्षेत्र में व्यवहारिक प्रयोग मे सबसे प्रचलित विधि है जो अनेक रुपो मे पायी जाती है। डॉ. वीणा वादिनी ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि मानवीय निर्णय से सम्बन्धित मापन विधियों का मूल्यांकन निर्धारण मापनी द्वारा होता है।
कार्यक्रम मे तकनीकी सहयोग डॉ. राखी देब, संचालन पूनम कुमारी, एवं धन्यवाद ज्ञापन उममूल फातमी ने किया।इस अवसर पर डॉ. दिनेश, डॉ रमेश प्रजापति, डॉ. अभिलाषा, डॉ. ज्योत्सना राय, शालिनी, विजेता, रोहिणी, शिखा राय, ज्योति मिश्रा, नैना चौरसिया, कृष्णकांत, अरविंद, सन्तोष , दीपक, काजल, अर्चना, बाबू लाल, रणधीर, सुधिर, बृजेश, महेश, प्रज्ञा, देवेन्द्र, तूलिका, रविशंकर, प्रज्ञा, गुलशन, अविनाश शंकर सिंह सहित सभी शोधार्थी उपस्थित थे। उक्त सूचना विश्वविद्यालय के सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. नवरतन सिंह ने दी।