वाराणसी। जब तक पीड़ा रहेगी, तब तक लेखक व कवि बनते रहेंगे | यह विचार उपन्यासकार एवं कवि प्रो. विकास शर्मा ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अंग्रेजी विभाग में बुधवार को ‘इंटरेक्शन विद स्टूडेंट्स’ कार्यक्रम में व्यक्त किए।
प्रो.शर्मा ने कहा कि उनके समस्त उपन्यास सामाजिक, राजनीतिक व मनोवैज्ञानिक मुद्दे पर आधारित हैं। भारतीय महिलाओं की समस्याएं उनकी उपन्यासों के मुख्य बिंदु हैं| छात्र छात्राओं ने प्रो.विकास से प्रश्न पूछे और उन्होंने बड़े ही स्पष्ट रूप से उनकी शंकाओं का समाधान किया। अपनी कविताओं के माध्यम से कार्यक्रम का माहौल खुशनुमा बनाते हुए प्रो. शर्मा ने छात्र छात्राओं के साथ अपना संवाद स्थापित किया।
कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक प्रो नलिनी श्याम कामिल, डॉ नवरत्न सिंह, डॉ. नीरज धनकड़, डॉ. नीरज कुमार सोनकर, डॉ. कविता आर्य, डॉ. रीना चटर्जी, डॉ. आरती विश्वकर्मा, डॉ. किरन सिंह, प्रो. जीएस द्विवेदी तथा विभाग के शोध छात्र एवं स्नातक कक्षाओं के छात्र -छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा आकांक्षा सिंघम एवं स्वागत विभागाध्यक्ष .डॉ. निशा सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो.जीएस. द्विवेदी ने किया।