वाराणसी। सीआरपीएफ के डीआईजी राकेश कुमार ने कहा कि योग अपनी वैज्ञानिक प्रमाणिकता के साथ दिनचर्या का रूप लेता जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मंगलवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि योग के लिए 21 जून का चयन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज के दिन सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सबसे ज्यादा समय तक रहती हैं। ऐसे में योग, जो स्वयं ऊर्जा का स्रोत माना गया है, सूर्य की किरणों को संग्रहित करते हुए मानव शरीर में एक नई ऊर्जा का प्रस्तुत करता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी ने कहा कि योग कालांतर से मानव कल्याण के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत रहा है जो की बदलती जीवन शैली के दृष्टिगत संपूर्ण विश्व में एक प्रमुख आवश्यकता के रूप में माना जाने लगा है। इसी का परिणाम है कि 177 देशों ने इसे स्वीकारा। इसकी वैज्ञानिक प्रमाणिकता को देखते हुए इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया। उन्होने बताया कि आने वाले समय में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर में एक “योग केंद्र एवं चिकित्सालय” की स्थापना के साथ-साथ योग से जुड़े कई अन्य पाठ्यक्रमों के संचालन की जो योजना है, ताकि वाराणसी के साथ-साथ देश भर से विश्वविद्यालय में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इसका लाभ मिल सके।
शिक्षा संकाय अध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार गौतम ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि योगासन मात्र करने से यदि हम समझे कि “हमें पूर्ण स्वास्थ्यता प्राप्त हो गई तो शायद यह सही नहीं होगा। इसके लिए जरूरी है मनसा वाचा कर्मणा के सूत्र को अंगीकार करें अर्थात जो मन में है वह वचन में हो जो वचन में है वह कर्म में हो तभी योगासन संपूर्ण माना जाएगा। स्वागत क्रीड़ा परिषद के सचिव डॉ. पीतांबर दास ने और संचालन समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. रेखा ने किया।
बीपीएड एवं एमपीएड तथा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा केंद्र के विद्यार्थियों ने योगासनों और पिरामिड निर्माण का प्रदर्शन किया गया तत्पश्चात योगासनों का अभ्यास डॉ. सुनील कुमार यादव, डॉ. चंद्रमणि तथा निशा यादव ने कराया। विश्व कल्याण की शपथ डॉ. बाल रूप यादव ने दिलाई। कार्यक्रम में डॉ. सुनीता, अभिषेक कुमार मिश्रा, अमित कुमार गौतम, भूपेंद्र कुमार उपाध्याय, रमेश यादव, प्रताप शंकर दुबे का योगदान सराहनीय रहा।
इस अवसर पर डॉ. बृजेश कुमार सिंह. डॉ निरंजन सहाय, डॉ केके सिंह, डॉ. सैयद दुलारे हुसैन, डॉ. अजीत कुमार शुक्ला, डॉ. कुंदन सिंह, डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव, डॉ. राधेश्याम राय, डॉ. रणजीत राय, जयशंकर प्रसाद सिंह, लालता प्रसाद, कर्म सागर पटेल, राघवेंद्र भारद्वाज, मनोज कुमार सिंह, अमित सोनकर, डॉ. दिग्विजय सहित बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान एवं अन्य प्रतिभागी उपस्थित रहे।
"