वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षाशास्त्र विभाग में महिला सम्मेलन के अन्तर्गत महिला स्वास्थ्य एवं योग शीर्षक पर व्याख्यान में योग एवं नैचुरोपैथी विभाग की डॉ. चन्द्रमणि ने कहा कि योग विवेक और शान्ति प्रदान करता है। उनकी थकान से भर देने देने वाली दुनिया में साधारण श्वास तकनीक से महिलाओं को तनाव से मुक्ति मिलती है और वह बहुत सारी जिम्मेदारीयों को पूरी दक्षता तथा शिष्टता से पूरा करती है।
डॉ. चंद्रमणि ने कहा कि योग महिलाओं के शरीर को स्वस्थ बनाने के साथ साथ मन को सन्तुलित करना तथा आत्मा को पोषित भी करता है। योग महिलाओं को उनके व्यस्तता भरे जीवन की एक आवश्यक गतिविधि है, जो उनको अपनी जिम्मेदारियों को पूर्णता से निभाने मे सहायता करता है।
आरंभ में विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र वर्मा ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि योग महिलाओं की स्वास्थ्य तथ स्वतंत्र अस्तित्व की आधारशिला है। डॉ. वीणा वादिनी ने कहा कि अनिद्रा, अवसाद जैसी बीमारियों के साथ ही कैंसर और हार्मोन्स से जुड़ी बीमारियों को दूर करने के लिए हमें योग का सहारा लेना चाहिए।
विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ. राखी देब ने कहा कि महिलाओं और पुरुषों की शारीरीक बनावट तथ दक्षता भिन्न होती है यही कारण है कि दोनों को अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए अलग अलग तरह से ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। ज्योतसना ने कहा कि योग महिलाओं के लिए एक विश्राम दायक अनुभव होगा जिससे उनको पूरी तरह स्वस्थ तथा प्रसन्न रहने का आनंद मिलता है।
धन्यवाद देते हुए डॉ. अभिलाषा ने कहा कि आसनों के नियमित अभ्यास से महिलाओं की मासपेशियां मजबूत होती है, मोटापे से मुक्ति मिलती है तथा स्वास्थ्य अंगों का विकास होता है।
कार्यक्रम का संचालन छात्राध्यापिका दीपा ने किया। इस अवसर पर समस्त विद्यार्थी उपस्थित थे। विद्यार्थियों ने विभिन्न योग क्रियाओं के माध्यम से योग किया एवं प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शान्त की।कार्यक्रम की जानकारी विश्वविद्यालय के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. नवरतन सिंह ने दी।