वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षाशास्त्र विभाग में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला मे सम्बोधित करते हुए योग प्राण विद्या सिस्टम, श्रीरमना ट्रस्ट की सुनीता सिंह ने कहा कि प्राणायाम अपनी सासों को नियंत्रित करने का एक सबसे प्रभावी उपाय है। प्राणायाम का उद्देश्य शरीर और मन को जोड़ना है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाते हुए शरीर में आक्सीजन की आपूर्ति को बढाता है।
उन्होंने प्राणायाम की विभिन्न तकनीकी पर कहा कि- नादिशोधन, उज्जयी, भ्रामरी भास्तिका ऐसे ही प्राणायाम के विकल्प हैं। प्राणायाम तनाव के स्तर को कम करने मे सहायक होता है। शोधों से यह पता चला है कि जिन बच्चों ने प्राणायाम का अभ्यास किया उन्हें परीक्षा देने से पहले चिंता और तनाव कम अनुभव हुआ। कार्यक्रम समंवयक डॉ. वीणा ने कहा कि लयबद्ध यौगिक क्रिया करने से हृदय चक्र बढ़ता है।

विषय प्रवर्तन करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र वर्मा ने कहा कि योग एक कला है जो हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोडता है। हमें मजबूत तथा शान्तिपूर्ण बनाता है। योग आवश्यक है क्योंकि यह हमें फिट रखता है। तनाव कम करने में मदद करता है और समग्र स्वास्थ्य को बनाये रखता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वीणा वादिनी ने किया। इस अवसर पर डॉ. अभिलाषा जायसवाल, रमेश प्रजापति, डॉ. दिनेश सहित सभी अध्यापक व विद्यार्थी उपस्थित थे।कार्यक्रम की जानकारी सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी डॉ. नवरतन सिंह ने दी।