वाराणसी। हम अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं और हमें अगले 25 वर्षों में देश को बहुत आगे ले जाना है। हमें अपनी गलतियों का पुनरावलोकन करना होगा और हमसे अब तक जो भूल हुई हैं उसमें सुधार करना होगा। हमें जापान की तरह ही अपना एक राष्ट्रीय चरित्र विकसित करना होगा। हमें जाति धर्म की बातों को गौंड़ करते हुए एक राष्ट्रीय चरित्र विकसित करना होगा ताकि हम 25 वर्ष के बाद गर्व के साथ कह सकें कि हम वाकई नंबर वन है।
गांधी-शास्त्री जयंती पर रविवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गांधी अध्ययन पीठ में स्थित सभागार में शिक्षक एवं छात्रों की सभा को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने यह बात कही। प्रो. त्यागी ने कहा कि सभी धर्म एक ही शिक्षा देते हैं वह शिक्षा है कि जाति धर्म का भेद किए बिना हमें अपने पड़ोसी का भी ध्यान रखना होगा। हम एक ऐसे देश का निर्माण करना है जहां जाति धर्म गौण हो जाए और राष्ट्र और मानवता सर्वोपरि रहे। प्रो. त्यागी ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें जापान से सीख लेनी चाहिए, जहां के नागरिक अगर विरोध भी करते हैं तो विरोध में भी वे और ज्यादा से ज्यादा कार्य करते हैं, जिससे राष्ट्र का विकास कभी पीछे नहीं रहता। हमें छोटी-छोटी बातों में ना उलझकर हर स्थिति में देश की बात ही सोचनी है तभी हम एक अच्छे देश की कल्पना कर पाएंगे और तभी हम लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी जी के सपनों के भारत का निर्माण कर पाएंगे।
यह कार्यक्रम सुबह मानवीय संकाय में स्थित बापू कक्ष से प्रारंभ हुआ और गांधी अध्ययन पीठ में जाकर के हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ, जहां पर सर्वधर्म प्रार्थना, रामधुन और अनेकों कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। सभी धर्म के अनुयायियों ने अपने-अपने तरह से मानवता और भाईचारा की शिक्षा पर जोर दिया जो गांधीजी का सूत्र वाक्य हुआ करता था। काशी विद्यापीठ के सभी शिक्षक कर्मचारी और अधिकारी इस कार्य में कार्यक्रम में उपस्थित रहे और सभी ने महात्मा गांधीजी और लाल बहादुर शास्त्री जी के पद चिन्हों पर चलने की शपथ ली। इससे पहले इसके पूर्व कुलपति, विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडे, मानविकी संकाय के डीन कुलानुशासक, पीआरओ तथा अन्य अध्यापकों ने पौधे लगा कर गांधी जयंती मनाई।