वाराणसी। स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री वल्लभभाई पटेल ने 1928 में बरडोली सत्याग्रह का नेतृत्व किया था। इस सत्याग्रह की सफलता के चलते उन्हें सरदार की उपाधि मिली।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के इतिहास विभाग में सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष में शनिवार को संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मानविकी संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष प्रो. योगेन्द्र सिंह ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। वह एक लोकप्रिय नेता एवं राजनीतिज्ञ थे। वे भारत के पहले उप प्रधानमंत्री थे। वह अधिवक्ता भी थे। स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया । भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1945 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।
प्रो. सिंह ने कहा कि भारत के एकीकरण में सरदार पटेल के महान योगदान के लिए उन्हें भारत का लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है। सरदार वल्लभभाई पटेल में कौटिल्य की कूटनीतिज्ञता और शिवाजी की दूरदर्शिता थी। वह सिर्फ सरदार ही नहीं अपितु भारतीय भारतीयों के हृदय के सरदार थे। मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनके सम्मान में गुजरात में स्टैचू ऑफ यूनिटी, जिसकी ऊंचाई 240 मीटर है, की स्थापना की गई। इसके अतिरिक्त अहमदाबाद हवाई अड्डे का नामकरण सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र रखा गया। गुजरात के वल्लभ विद्यानगर में सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। कार्यक्रम का संचालन विभाग की अध्यापिका डॉ. अंजना वर्मा ने एवं धन्यवाद ज्ञापन विभाग की वरिष्ठ अध्यापिका डॉ. जयाकुमारी आर्यन ने किया। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले भी वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
उक्त आयोजन विधि विभाग के अध्यापक एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धनंजय राय एवं डॉ हंसराज द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के संबंध में डॉ. केके सिंह के निर्देशन में निष्पादित किया गया ।विषय प्रवर्तन में डॉ. केके सिंह ने बताया कि 31 अक्टूबर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाई जाती है। सरदार पटेल वर्तमान भारत के एकीकरण के नायक हैं। उन्हीं के अथक प्रयास और राजनीतिक दूरदर्शिता के कारण ही 550 से अधिक रियासतों ने भारत मे विलीनीकरण को सहर्ष स्वीकृति प्रदान की। राष्ट्र के नागरिक के रूप में हैम उनके आजीवन ऋणी रहेंगे। सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में विधि विभाग में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के छात्रों द्वारा वल्लभ भाई पटेल द्वारा राष्ट्र निर्माण में योगदान पर परिचर्चा की गई ।एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी हंसराज, धनंजय शर्मा, विधि विभाग के अध्यापक विजय प्रताप गौरव सहित समस्त छात्र-छात्राएं परिचर्चा में भाग लिए।