वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग में सोमवार को वीर बाल दिवस के अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।इस प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने रंग बरस रेखाओं के माध्यम से भिन्न-भिन्न घटनाओं पर आधारित चित्रों को साकार किया।
इस प्रतियोगिता में 50 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। अजय गुप्ता ने पोस्टर रंगों के माध्यम से वीर बालक की साहस को दिखाया। श्वेता शर्मा ने जल रंग के माध्यम से उक्त घटना को साकार किया, जिसमें गुरु गोविंद सिंह के दोनों पुत्रों को दीवार में चुनवा दिया गया था। विशाल पटेल, राहुल गौतम, अर्चना गुप्ता, रितिक यादव, आशीष विश्वकर्मा, अंकिता जायसवाल, संदीप यादव आदि छात्र-छात्राओं ने इस प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा, डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद, डॉ. रामराज, डॉ. स्नेह लता कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।
समाजशास्त्र के छात्र-छात्राओं ने सुनाई गुरुपुत्रों की वीरगाथा

समाजशास्त्र विभाग में बीए प्रथम सेमेस्टर तथा तृतीय सेमेस्टर, एमए प्रथम सेमेस्टर तथा तृतीय सेमेस्टर, पीएचडी कोर्स वर्क के छात्र-छात्राओं तथा शोध छात्र-छात्राओं ने “गुरु गोविंद सिंह एवं उनके पुत्रों के बलिदान “नामक विषय पर विचार प्रस्तुत किए। प्रो. ब्रजेश कुमार सिंह संकायाध्यक्ष समाज विज्ञान, प्रो. रेखा अध्यक्ष समाजशास्त्र विभाग, डॉ. भारती रस्तोगी एवं डॉ.सौम्या यादव, डॉ. सुरेन्द्र कुमार, डॉ. संजय सोनकर तथा डॉ. चन्द्रशेखर मौजूद थे। प्रो. ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि किसी व्यक्ति के लिए धर्म कितना महत्वपूर्ण होना चाहिए यह प्रेरणा हमको गुरु गोविंद सिंह के दोनों छोटे पुत्रों जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह के अप्रतिम बलिदान से मिलती है। प्रो. रेखा ने कहा कि आधुनिकीकरण की अंधी दौड़ में जब धर्म का प्रभाव कम होता जा रहा है, तब वीर बाल दिवस मनाया जाना अत्यधिक प्रासंगिक एवं महत्वपूर्ण है। छात्र छात्राओं ने कविता पाठ द्वारा गुरु गोविंद सिंह एवं उनके पुत्रों की वीर गाथा को प्रस्तुत किया। एमए तृतीय सेमेस्टर के छात्र- छात्राओं ने नाटक मंचन द्वारा औरंगजेब के अत्याचारों एवं वीर जोरावर सिंह व वीर फतेह सिंह द्वारा धर्म की रक्षा हेतु प्राण न्योछावर करने वाली वीरगाथा को अत्यंत भावुकता के साथ प्रस्तुत किया। नाटक मंचन करने वाले छात्र-छात्रा नेहा भारती, प्रीति कुमारी, अंजलि कुमारी, निशा यादव, युगल चंद्र, शिवा सिंह, सुनील कुमार,महताब आलम थे।