वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ शिक्षाशास्त्र विभाग में क़ौमी एकता सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को ‘राष्ट्रीय सद्भाव में युवाओं की भूमिका’ विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र वर्मा ने युवाओ को सामाजिक सद्भाव के लिए आपसी संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक एकता का संकल्प ही समाज की तरक्की का विकल्प है।
परिचर्चा मे बीएड प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों शुभंगिनी, रेशमा परवीन, रामप्रकाश, प्रेम प्रकाश खत्री, सपना यादव तथा अनुज कुमार मिश्रा ने भी विचार प्रस्तुत किए। रेशमा परवीन ने बताया कि राष्ट्र का विकास युवा शक्ति के अंतर्गत ही समाहित है। रामप्रकाश ने कहा कि भाषावाद क्षेत्रवाद सहित अपनी संकीर्ण विचारधाराओं का त्याग करके ही राष्ट्र का समुचित विकास किया जा सकता है। सपना ने कहा कि कौमी एकता सप्ताह हमारे देश में साम्प्रदायिक सद्भाव और विविधता में एकता के मूल्यों को बढावा देने और सुदृढ़ करने के लिये एक सशक्त माध्यम हैं।
संचालन डॉ. वीणावादिनी ने किया। उन्होंने कहा कि कौमी एकता सप्ताह का तात्पर्य हमारे देश के सभी नागरिकों को एकता मे बांधकर देश हित मे कार्य करने से है। इस अवसर पर डॉ. राखी, डॉ. अभिलाषा व ज्योत्सना राय समस्त शिक्षक एवं शिक्षार्थी उपस्थित थे। यह जानकारी विश्वविद्याल के सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी डॉ. नवरत्न सिंह ने दी