वाराणसी। “वसुधैव कुटुंबकम्” में जन-जन को परस्पर जोड़ने की अद्भुत शक्ति है। इससे एक सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में मंगलवार से आरंभ “अमृत योग सप्ताह” के उद्घाटन के अवसर पर शिक्षा संकायाध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार गौतम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस विचार पर ही आज हम आगे बढ़ रहे हैं। अमृत योग सप्ताह का उद्देश्य समाज को योग के विषय में जागरूक करने, स्वास्थता प्रदान करने के साथ साथ सामाजिक एकता के भाव का बीजा रोपण करना है,अतः इसका ध्येय वाक्य भी “मानवता के लिए योग” निर्धारित किया गया है।
कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने निर्देशन में आयोजित अमृत योग सप्ताह में प्रतिदिन योग प्रोटोकाल वाले आसनों का अभ्यास कराया जायेगा। इसके अलावा 15 जून को शासन के निर्देशानुसार विशेष योगाभ्यास कराया जायेगा।
इस क्रम में मंगलवार को सूर्य नमस्कार और प्रोटोकाल वाले आसनों के अभ्यास के बाद “न्यूरो थेरेपी” के विभिन्न पक्षों पर मयंक पांडेय ने कहा कि “इस पद्धति से दवाओं के बिना प्रयोग के हम विभिन्न बीमारियों से निजात पा सकते हैं। नाभी का महत्व बताते हुए पांच महत्वपूर्ण व्यायाम और आसन कराए, जिनसे हम नाड़ी सरकने के कारण होने वाली समस्याओं से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम में डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव, डॉ. बालरूप यादव,डॉ. सुनीता, डॉ. चंद्रमणि, निशा यादव, अभिषेक कुमार मिश्र, अमित कुमार गौतम, रमेश यादव, भूपेंद्र कुमार उपाध्याय, पूजा सोनकर, तथा प्रताप शंकर दुबे का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के डॉ. सुरेन्द्र राम, डॉ. राधेश्याम राय, जय शंकर प्रसाद सिंह, लालता प्रसाद, अंजनी कुमार, कर्म सागर पटेल सहित लगभग 300 प्रतिभागी उपस्थित रहे।