वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में गुरु पूर्णिमा पर बुधवार को मंचकला विभाग के छात्र-छात्राओं ने गुरुओं और संगीताचार्यों का सम्मान किया। इस मौके पर मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. योगेंद्र सिंह ने कहा कि शिष्य कच्ची मिट्टी के समान होता है, जिसे गुरु कुम्हार की भांति गढ़ता है और उसे अंधकार रूपी संसार में ज्ञान का प्रकाश देकर आलोकित करता है।
इस उत्सव के विशिष्ट अतिथि दर्शनशास्त्र के प्रो.राजेश मिश्र ने कहा कि प्रथम गुरु माता पिता होते हैं तत्पश्चात समाज में जिससे भी कोई सीख मिलती है या पथप्रदर्शन होता है। ऐसे व्यक्ति हमारे जीवन में गुरु होते हैं। कार्यक्रम के अगले क्रम में मंच कला विभाग के विद्यार्थियों के द्वारा समूह गायन “माता पिता से पहले आता है स्थान जिसका” से “गुरु शिष्य परंपरा” के महिमा का वर्णन किया तबले पर सुमंत कुमार ने संगत किया। तत्पश्चात विभाग के कुछ विद्यार्थियों द्वारा संगीत की गुरु शिष्य परंपरा पर उनके विशेष अनुभव साझा किया गया। समापन उद्बोधन विभाग प्रभारी डॉ. संगीता घोष द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन एवम धन्यवाद ज्ञापन डॉ.आकांक्षी ने किया।
गुरुपूर्णिमा पर अतिथि अध्यापकों ने कुलपति को दी बधाई

गुरुपूर्णिमा पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के सभी विभागों के अतिथि अध्यापकों ने कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी, कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय एवं कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह से मिलकर बधाई दी। प्रो. त्यागी ने कहा कि शिक्षक होने के कारण समाज में सभी का दायित्व बड़ा है। इस मौक़े पर डॉ. रमेश सिंह ,डॉ. अनिरुद्ध तिवारी, डॉ. भूपेन्द्र उपाध्याय, डॉ. संतोष सिंह, डॉ. रमेश यादव, डॉ. प्रिया श्रीवास्तव, डॉ. अजय वर्मा, डॉ. कंचन शुक्ला, डॉ. अलका पांडेय, अर्चना श्रीवास्तव, डॉ. शिवजी सिंह, डॉ. नागेंद्र पांडेय उपस्थित रहे.