वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि हम विभिन्न जाति तथा धर्म वाले देश में रह रहे हैं और हमें सबको एक साथ पिरोकर रखना होगा।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रो. त्यागी ने कहा कि काशी विद्यापीठ स्वतंत्रता आंदोलन के समय से ही नव युवकों की सक्रियता का केंद्र रहा है और इसी जमीन पर राष्ट्रीयता की एक धनी और गौरवान्वित करने वाली परंपरा रही है। इसलिए हमें अपनी उपलब्धियों तथा भविष्य की योजनाओं पर आत्ममंथन करना होगा। हमें महात्मा गांधी एवं चंद्रशेखर आजाद से प्राप्त हुई सीख को आगे बढ़ाना होगा । हमें जापान से सीख लेनी चाहिए कि किस तरह द्वितीय विश्व युद्ध में बर्बाद होने के बाद भी उसने अपने आप को एक सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा कर दिया जबकि उसके पास तो हमारी तुलना में बहुत कम संसाधन है और हम एक प्राकृतिक संसाधन संपन्न देश में रहते हैं।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मिशन एवं विजन पर बात करते हुए प्रो. त्यागी ने कहा की हम एनटीपीसी परिसर के जरिए सोनभद्र तथा आसपास के जिलों में रहने वाली जनजातियों को बहुत कम शुल्क में शिक्षा मुहैया करा रहे हैं। काशी विद्यापीठ ने कोरोना काल के बाद प्रदेश में सबसे पहले परीक्षा संपन्न कराई है तथा साथ ही साथ समय रहते पूरे कैंपस में टीकाकरण का कार्य भी सबसे पहले ही कराया है। अपने देश भारत पर गर्व करते हुए कुलपति ने कहा कि हम केवल संख्या बल में ही आगे नहीं हैं बल्कि दुश्मन की टेढ़ी नजर भी भारत पर पड़ी तो हम सब उसकी आंखें निकाल लेंगे। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के नाम पर काशी विद्यापीठ के पार्कों एवं चौराहो का नामकरण भी कुलपति ने किया। प्रशासनिक भवन के समीप चौराहे को आजाद चौक प्रशासनिक भवन के ठीक सामने वाले पार्क को शास्त्री पार्क, केंद्रीय पुस्तकालय के सामने वाले पार्क को अंबेडकर पार्क तथा मानविकी संकाय के सामने वाले गांधी पार्क को महात्मा गांधी पार्क कहा जाएगा।
इसके अतिरिक्त पंत प्रशासनिक भवन से गांधी अध्ययन पीठ तक प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें काशी विद्यापीठ के एनसीसी के कैडेट्स, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक, लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास, नरेंद्र देव छात्रावास एवं जेके महिला छात्रावास के सभी छात्र/छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। प्रभात फेरी की अगुवाई कुलपति प्रो. त्यागी कह रहे थे।