वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षा विभाग में शुक्रवार को आयोजित उन्मुखीकरण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. शैला परवीन ने कहा कि शोध प्रस्ताव का सम्यक निर्णय ही शोध का आधार होता है।
डॉ. शैला ने शोध प्रस्ताव के निर्माण की विस्तृत रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि शोध प्रस्ताव मे प्रस्तावना, संबंधित साहित्य का सर्वेक्षण, शोध अंतराल, उद्देश्य, परिकल्पना , शोध विधि तंत्र, संभावित परिणाम के अतिरिक्त संदर्भ ग्रंथ सूची का होना अत्यंत आवश्यक है। शोध प्रस्ताव के निर्माण के अंतर्गत समस्या चयन के समय विशेष सावधानी वरतने की ज़रूरत होती है। डॉ. शैला ने गुणात्मक व परिमाणात्मक शोध प्रस्ताव मे अंतर करते हुए कहा कि उद्देश्य, परिकल्पना एवं शोध विधियों के अंतर के आधार पर दोनों प्रकार के शोध प्रस्ताव मे भिन्नता को समझा जा सकता है।
विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र वर्मा ने मुख्य वक्ता का स्वागत तुलसी का पौधा देकर किया। संचालन शालिनी मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन ज्योति झा ने किया। इस अवसर पर ज्योत्सना राय, शिखा राय, मनोज यादव, विनय सिंह, रीता यादव,अरविंद सिंह, पूनम, विजेता, ज्योति मिश्र, रोहिणी, नैना, उम्मुल्, कृष्ण कुमार, अविनाश सिंह समेत समस्त शोधार्थी उपस्थित थे। यह जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ नवरतन सिंह ने दी।