वाराणसी। बीएचयू कैंसर अस्पताल की टेक्निकल एक्सपर्ट डॉ. रुचि पाठक ने कहा है कि गर्भधारण से लेकर बच्चे का जन्म होने तक मां का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की ओर से विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत सोमवार को ‘मनुष्य के जीवन में प्रथम 1000 दिनों का महत्व’ विषय पर उन्होंने कहा कि व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास की आधारशिला मां के गर्भ से ही आरम्भ हो जाती है| अतः यह अति आवश्यक है कि गर्भधारण से लेकर बच्चे की दो साल की अवस्था तक मां और बच्चे के शारीरिक, मानसिक और भावात्मक स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान दिया जाए।
डॉ. रुि ने कहा कि गर्भधारण से पूर्व, गर्भधारण के दौरान तथा बच्चे को जन्म देने के पश्चात मां अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। पौष्टिक आहार के साथ भावात्मक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहें। बच्चे के जीवन में स्तनपान का विशेष महत्व है। जन्म के पश्चात मां के स्तन से जो प्रथम पीला गाढ़ा दूध स्रावित होता है, वह अत्यंत ही गुणकारी होता है जो बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमताओं को भी विकसित करने में सहायक होता है। यह बच्चे को भावनात्मक व मानसिक शक्ति प्रदान करता है। भविष्य में उसे एक सशक्त व्यक्ति के रूप में विकसित होने में सक्षम बनाता है। अ
मुख्य अतिथि डॉ. पाठक का स्वागत महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की नोडल अधिकारी डॉ. निशा सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन अंकिता ने किया एवं धन्यवाद डॉ. नीरज धनखड़ ने दिया l कार्यक्रम में विश्वविद्यालय से छात्र-छात्राएं एवं प्रचुर मात्रा में अध्यापक अध्यापिका उपस्थित रहे l जिनमें प्रमुख डॉ. संगीता घोष, डॉ. विजय रंजन, डॉ. किरण सिंह, डॉ. उर्जस्विता सिंह, डॉ. प्रीति जयसवाल, डॉ. आरती विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहेl