वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मंचकला विभाग की ओर से आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्ररत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त और भारत रत्न लता मंगेशकर को मंगलवार को स्वरांजलि दी गई।
कार्यक्रम में मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. योगेंद्र सिंह ने कहा कि संगीत आध्यात्मिक कला है, जिसमें मन को शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि बाबू शिवप्रसाद गुप्त ने पूरी दुनिया का भ्रमण करने के बाद विद्यापीठ की नींव रखी। मंचकला विभाग की प्रभारी डॉ. संगीता घोष ने स्वागत किया।
इस स्वरांजलि सभा का स्वागत कार्यक्रम संयोजिका मंचकला विभाग की प्रभारी डॉ संगीता घोष ने किया। स्वरांजलि कार्यक्रम में एम म्यूज के विद्यार्थियों वैशाली, विवेक सिंह, प्रदीप पांडेय, श्रुति, पूजा, रविरंजन, आस्था आदि ने लता जी के प्रसिद्ध गीतों “नाम गुम जाएगा”,” तू जहां जहां चलेगा”, “आपकी नजरों ने समझा”, “एक राधा एक मीरा” की प्रस्तुति की।कार्यक्रम का संचालन विनोद कुमार ने और धन्यवाद ज्ञापन विभाग की अध्यापिका डॉ. आकांक्षी ने किया।