वाराणसी। “योगाचार्य धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने कुल 48 सूक्ष्म यौगिक व्यायाम बताए हैं, जो सिर से लेकर पांव तक के अंगों के साथ-साथ त्वचा तक को योगाभ्यास के अनुकूल बनाते हैं।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा केंद्र तथा शारीरिक शिक्षा विभाग की ओर से चल रहे चोग महोत्सव में मंगलवार को यह बात इंदिरा गांधी जनजातीय राष्ट्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के असिस्टेंट प्रोफेसर हरिराम पांडेय ने कही। उन्होंने कहा कि योग केवल रोग मुक्ति ही नहीं बल्कि जीवन के उद्देश्यों की संपूर्ति में सहायक होता है योग लौकिक एवं पारलौकिक दोनों ही क्षेत्र में लाभ पहुंचाता है।योग का विश्व स्तरीय प्रभाव करोना आपदा के समय दिखाई पड़ा।”
हरेराम पांडेय ने योगासन प्रोटोकॉल के साथ तमाम आसनों के साथ बालासन,मंडूकासन,योग निद्रा एवं भ्रामरी के वैज्ञानिक पक्षों पर प्रकाश डाला एवं प्रदर्शन के माध्यम से उनके क्रियान्वयन और उनके लाभ को भी बताया।
आज का सत्र सूर्य नमस्कार के साथ प्रारंभ हुआ। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. पीतांबर दास, डॉ. राधेश्याम राय, डॉ. सुरेंद्र राम, रंजीत राय, जयशंकर प्रसाद सिंह, सुरेश प्रसाद, अंजनी प्रसाद, डॉ. बालरूप यादव, डॉ. सुनीता, प्रताप शंकर दुबे, भूपेंद्र उपाध्याय, रमेश यादव, निशा यादव, पूजा सोनकर का विशेष योगदान रहा।