वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विधि संकाय में शनिवार को आयोजित व्याख्यान में पटना स्थित चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के प्रो. सुभाष चंद्र राय ने कहा कि विधि के छात्रों के लिए विधि के साथ दर्शन और सिद्धांत का अध्ययन भी जरूरी है।
उन्होंने बताया कि अधिवक्ता के बनने में जुरिसप्रडेन्स का बहुत बड़ा योगदान होता है। जुरिसप्रुडेन्स शब्द के अर्थ की व्यापकता अत्यन्त विस्तृत है, जिसमे संदर्भित विषय के दर्शन, सिद्धान्त एव विधि का समावेश होता है। जिसका अधिवक्ता/विधि के छात्रों को गहन अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने अनेक दृष्टांतों एवं सविधान के आर्टिकिल का संदर्भ देते हुए सामाजिक, आर्थिक एवं विधिक पहलुओं पर बल दिया। आपने व्याख्यान की शैली को डायलॉग मोड में प्रस्तुत कर विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान कर अधिक रुचिकर बना दिया।
कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता का स्वागत विधि संकायाध्यक्ष प्रो. रंजन कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. हंसराज तथा संचालन डॉ. मेराज हाशमी ने किया। इस अवसर पर डॉ. शिल्पी गुप्ता, सहायक आचार्य, विधि विभाग एवं समस्त शिक्षकगण, शोधार्थी तथा विधि विभाग के विद्यार्थी उपस्थित थे।