वाराणसी। विधि के विद्यार्थियों को कुशल एवं ज्ञानशील बनने के लिए विविध साहित्य का गहन अध्ययन करा चाहिए। यह बात ओपी जिंदल ग्लोबल विश्वविद्यालय के संस्थपक कुलपति प्रो. सी. राजकुमार ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विधि विभाग में गरुवार को अंतःक्रियात्मक सत्र में कही।
“बिल्डिंग ए वर्ल्ड क्लास लॉ स्कूल इन इंडिया थ्रू रिसर्च ऐंड इनोवेशन” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय ज्ञान परम्परा को समझाने के लिए नालन्दा तक्षशिला के योगदान की विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि विश्वस्तरीय शिक्षा प्रणाली को आत्मसात करना समय की मांग है, क्योंकि सूचना प्रद्यौगिकी ने शिक्षा व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन किया है। उन्होंने अनेक दृष्टान्त देते हुए बताया कि विधिक शिक्षा प्रणाली में अनेक परिवर्तन हुए हैं, जिससे भविष्य में विधिक क्षेत्र में अनेक सम्भावनाएं बनी हुई हैं। इसके उपरान्त छात्रों की अनेक जिज्ञासाओं को शान्त किया।
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत विधि संकायाध्यक्ष प्रो. रंजन कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन विभाग की डॉ. सना अहमद एवं संचालन डॉ. मेराज हाशमी ने किया। कार्यक्रम में विभाग के सभी शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।