वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में सोमवार को पुरातन छात्र संगम का आयोजन किया गया। इसमें विभाग के पुरातन छात्रों ने विश्विद्यालय जीवन की स्मृतियों को ताजा किया और पेशेवर अनुभवों को बताते हुए पाठ्यक्रम को और समृद्ध बनाने के सुझाव भी दिए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद त्यागी ने कहा कि छात्र विश्वविद्यालय की पहचान होते हैं। विश्वविद्यालय में वे जो भी सीखते हैं, वह उनकी रक्त वाहिनियों में जीवनभर प्रवाहित होता है। विद्यापीठ भाग्यशाली रहा है कि उसके छात्र कभी नकारात्मक पत्रकारिता नहीं करते।
मुख्य अतिथि व गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद के पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनोद पांडेय ने कहा कि छात्र शिक्षण संस्थाओं की संपत्ति होते हैं। इसी तरह छात्रों का अपनी शिक्षण संस्थाओं से जीवनपर्यंत लगाव बना रहता है।मानविकी संकाय के अध्यक्ष और पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो अनुराग कुमार ने पुरातन छात्रों को विभाग की उपलब्धियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी दौर में पाठ्यक्रम बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है।
पुरातन छात्र और चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के संस्थापक कुलपति प्रो योगेंद्र सिंह ने कहा कि विद्यापीठ के छात्र हर क्षेत्र में परचम लहरा रहे हैं। काशी विद्यापीठ के एलुमुनाई सेल के निदेशक प्रो नलिनी श्याम कामिल ने पुरातन छात्र संगम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। सामयिक ब्लिट्ज के संपादक डा अरविंद सिंह ने पत्रकारिता शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राजकुमार सिंह ने पत्रकारिता के क्षेत्र में हुए बदलाव और उसके हिसाब से पाठ्यक्रम निर्माण के बारे में सुझाव दिया।
पत्रकारिता विभाग के प्रभारी डा अरुण कुमार शर्मा और डा विनोद सिंह ने पुरातन छात्रों का स्वागत किया। संचालन डा रमेश सिंह ने किया। इस मौके पर जयप्रकाश श्रीवास्तव, डॉ रुद्रानन्द तिवारी, डॉ राघवेंद्र मिश्र, अजय दुबे, प्रशान्त उपाध्याय, मनीष सिंह, अमित मुखर्जी, रवि प्रकाश सिंह, संजय प्रसाद सिंह, संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो दानपति तिवारी, डॉ दिनेश कुमार, प्रो राजेश मिश्रा, डा प्रभाशंकर मिश्र, डा मनोहर लाल, डा शिव जी सिंह, डा अजय वर्मा, डा प्रदीप कुमार आदि उपस्थित थे।