वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षा संकाय में शारीरिक शिक्षा, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा केंद्र एवं समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार “भारतीय समाज में योग एवं खेल की भूमिका” का मंगलवार को आयोजन किया गया।
अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा खेल एवं व्यायाम हमारे शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक और सामाजिक लीडरशिप की क्षमता का विकास करता है।
मुख्य अतिथि एलएनआईपी विश्वविद्यालय ग्वालियर के पूर्व कुलपति प्रो. डीके दुरेहा ने कहा कि खेल एवं योग समाज का अभिन्न अंग होना चाहिए। इसी से भारतीय समाज का विकास संभव होगा। एलबीएस पीजी कॉलेज के प्रो. मनोज कुमार पांडे ने कहा कि खेल एवं योग का समाज में अभिन्न योगदान है। बीएचयू फिजिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के डॉ. दीपक डोगरा ने कहा कि शारीरिक स्वास्थ्य आज के समय में बहुत आवश्यक है और इसको प्राप्त करने से समाज में सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है। जौनपुर के बयालसी पीजी कॉलेज के डॉ. संजय नारायण सिंह ने कहा कि योग और शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में आवश्यक है।
अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम डायरेक्टर तथा शिक्षा संकायध्यक्ष, शारीरिक शिक्षा विभाग के हेड, योग एवं नेचुरोपैथी एजुकेशन सेंटर के डायरेक्टर प्रो. सुशील कुमार गौतम ने किया और कहा कि खेल और योग हमें जीवन जीने का कौशल सिखाता है। योग व्यक्ति से व्यक्ति को, व्यक्ति से समाज को जोड़ने का एक माध्यम है। योग व्यक्ति के अंदर एकाग्रता, अनुभूति, शांति, क्रोध पर नियंत्रण कर समाज को स्वस्थ बनाने का कार्य करता है, साथ ही उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आवाहन किया, कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन मे योग एवं खेल को हिस्सा बनाना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन सेमिनार कन्वेनर तथा समाजशास्त्र की हेड प्रो. रेखा ने किया, और कहा कि समाज की विशेषताओं को व्यावहारिक रूप देने का कार्य खेल और योग करता है। खेल में सामाजीकरण के गुण त्याग, प्रेम, परोपकार की भावना का निर्माण कर समाज में हर परिस्थिति में समायोजित करता है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ चंद्रमणि ने किया। शारीरिक शिक्षा, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा केंद्र तथा समाजशास्त्र विभाग के अध्यापकों ने भी विचार रखे। शोधार्थियों ने शोध पत्र पढ़े। कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह, प्रो. बृजेश सिंह, डॉ. कुंदन सिंह, डॉ. बालरूप यादव, डॉ. सुनीता, डॉ. राहुल गुप्ता, डॉ. भारती रस्तोगी, निशा, पूजा, अमित कुमार गौतम, अभिषेक मिश्रा, रमेश यादव, भूपेंद्र उपाध्याय, प्रताप शंकर दुबे, डॉ. मनीषा, डॉ. राजेंद्र, डॉ. ध्यानेंद्र, पंकज कुमार निगम, स्वतंत्र कुमार सिंह, उपस्थित रहे। विभिन्न विश्वविद्यालयों एंव माहविद्यालयों से 200 से भी ज्यादा प्रतिभागियों, अध्यापकों एवं शोधार्थियों ने राष्ट्रीय सेमीनार में भाग लिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हर्षोल्लास से संपन्न हुआ।