वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के राजाराम शास्त्री आडिटोरियम में शनिवार को आइकिडो (मार्शल आर्ट व आत्मरक्षा प्रणाली) के तहत महिलाओं व बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य अतिथि ममता रानी, अपर पुलिस उपायुक्त, (महिला अपराध/मुख्यालय) ने छात्राओं को भारतीय दण्ड संहिता में आत्मरक्षा के अधिकार से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि जीवन में प्रगति और उन्नति के लिए करने प्रत्येक नागरिक को शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। वर्तमान में अगर हमारी बेटियां आत्मरक्षा की कला में निपुण होती हैं तो यह उनके सुरक्षित जीवन की ना केवल शुरुआत है, बल्कि एक संपूर्ण सामाजिक जीवन का सुदृढ़ आधार होगा। शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को पाने के लिए महत्वपूर्ण संसाधन है, संकल्प,संयम और साहस। महिलाओं की दृढ़ इच्छाशक्ति, आत्म संयम और उसके साहस को आंतरिक बल तब मिलता है, जब वह बालिका अपने आप को भौतिक रूप से शारीरिक रूप से समर्थ महसूस करें और इस दिशा में अत्यंत ही प्रभावशाली है सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण दिया जाना व महिलाओं को आत्मरक्षा में निपुण होने की कला का ज्ञान होना।
उन्होंने कहा कि यद्यपि कि प्रकृति ने स्त्री हो या पुरुष सभी को समान रूप से मानसिक बौद्धिक और भावात्मक क्षमता प्रदत्त है, तथापि समाज में महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग पारंपरिक विचारधारा व्याप्त होने के कारण आज भी महिलाएं या बेटियां घर से बाहर निकलती है तो परिवारी जन पूरी तरह निश्चिंत नहीं हो पाते हैं। यह भी सत्य है कि महिलाओं के लिए हर सामाजिक समस्या एवं उनके मानवीय नैसर्गिक अधिकारों की सुरक्षा लिए कानून बन चुके हैं फिर भी पारंपरिक सामाजिक विचारधारा को बेटियों के अंदर आत्म सुरक्षा का ज्ञान ही तोड़ सकेगा। शारीरिक मानसिक और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने में आत्म सुरक्षा की भावना कि हमारी सुरक्षा में हम स्वयं सुरक्षित हैं और अपने अपनों को भी सुरक्षित रख सकते हैं तथा आवश्यकता पड़ने पर दूसरों की भी सहायता कर सकते हैं। इसी संबंध में आत्म सुरक्षा के परिपेक्ष में संवैधानिक एवं विधिक पहलुओं को भी स्पष्ट किया गया पोक्सो अधिनियम, राइट टु प्राइवेसी, cyber crime mission Shakti संबंध में जानकारी दी गई। इस दौरान बालिकाओं को Aikido (जापानी) ऊर्जा का सामंजस्य स्थापित करने का तरीका, मार्शल आर्ट और आत्म-रक्षा प्रणाली के बाबत प्रशिक्षित किया गया, जो प्रतिद्वंद्वी के हमले में महारत हासिल करने के लिए पूर्ण मानसिक शांत और अपने शरीर के नियंत्रण को प्राप्त करने के महत्व पर जोर देता है।