वाराणसी। देवा इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ केयर ऐं रिसर्च प्रा. लि. की निदेशक डॉ. मोहिनी झंवर ने कहा कि संस्कार से ही मनुष्य का भौतिक और आध्यात्मिक विकास होता है। संस्कार विहीन मनुष्य पशु के समान है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में संस्कार दीक्षा साप्ताहिक कार्यक्रम के दूसरे दिन बुधवार को उन्होंने कहा कि व्यक्ति का सही मायने में पूर्ण विकास संस्कारित शिक्षा एवं ज्ञान से ही संभव है। मानव का धर्म है कि वह असहाय एवं जरूरतमंद की मदद करें| यही मानव धर्म है। दिव्यांग महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने के लिए युवाओं को आगे आने की जरूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मानविकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो.योगेंद्र सिंह ने कहा कि संस्कार हमारे जीवन को शुद्ध बनाता है। संस्कार से ही चरित्र निर्माण संभव है। परिवार संस्कार की प्रथम पाठशाला है। संस्कार के साथ अनुशासन का बड़ा महत्व है। छात्र छात्राओं में संस्कार एवं अनुशासन का समावेश हो जाए तो वे अवश्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। आप ने विद्यार्थियों को महापुरुषों के जीवन चरित्र को पढ़ने का सुझाव दिया।
अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक एवं अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. नलिनी श्याम कामिल ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. किरन सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनीता ने किया| कार्यक्रम में प्रो. राजेश कुमार मिश्र, डॉ. विनय कुमार सिंह, डॉ. अरुण कुमार शर्मा, डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ला, डॉ. नन्दिनी सिंह, डॉ. आरती विश्वकर्मा, डॉ. अंजना कुमारी, डॉ. जया कुमारी आर्यन, डॉ. संगीता घोष, डॉ. अरुण कुमार शर्मा तथा अनेक छात्र छात्राएं उपस्थित रहे|