वाराणसी। रौलट एक्ट भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को रोकने का एक घृणित प्रपास था। इस कानून का उद्देश्य भारतीयों की स्वतंत्रता के प्रति अलख जगाने की मुहिम को रोकना था।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बुधवार को राष्ट्रीय सेवा योजना, विधि विभाग की ओर से रौलट एक्ट और जलियांवाला बाग पर आयोजित संगोष्ठी में यह बात रासेयो समन्वयक प्रो. केके सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि रौलट एक्ट के विरोध में जलियांवाला बाग में आयोजित सभा पर जनरल डायर ने निहत्थों पर गोली चलाकर अनेक भारतीयों को शहीद कर दिया।
विधि विभागाध्यक्ष प्रो. रंजन कुमार ने अतिथि का स्वागत करते हुए रौलट एक्ट से संबंधित अनेक वृत्तांत बताए। रासेयो के कार्यक्र अधिकारी डॉ. हंसराज ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए अंग्रेजों के काला कानून रौलट एक्ट पर विस्तृत से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मेराज हाशमी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नेहा सिंह ने किया। संगोष्ठी में विधि विभाग की डॉ. शिल्पी गुप्ता भी मौजूद रहीं।