वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शनिवार को आजादी के गुमनाम शहीदों को याद किया गया। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाठ के मौके पर राजनीति विज्ञान विभाग में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का विषय कमेमरेट इंडिया (भारत का स्मरण) रहा। इसका उद्घाटन राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यभान प्रसाद ने किया। उन्होंने कहा कि हमें 1947 में आज़ादी सिर्फ राजनीतिक रूप से मिली थी। हमने इन 75 वर्षों में समाज के अन्य क्षेत्रों में आज़ादी को आत्मसात किया है। उन्होंने आज़ादी के गुमनाम नायकों का उल्लेख करते हुए उनके योगदान को उल्लिखित किया।
मुख्य अतिथि अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि आज़ादी के लड़ाई में शहीद हुए महापुरुषों के प्रति इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से हम कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। अतिथियों का स्वागत व विषय प्रस्तावना डॉ. रेशम लाल ने तथा संचालन डॉ. पीयूष मणि त्रिपाठी ने किया। डॉ. जयदेव पांडेय ने आभार जताया।
कार्यक्रम में डॉ. विजय कुमार, डॉ. रवि प्रकाश सिंह, डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम, डॉ. ज्योति सिंह सहित स्नातक व परास्नातक राजनीति विज्ञान के समस्त छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।
बाद में स्वतंत्रता सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत निबंध प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसका विषय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की भूमिका, भारत के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानी तथा राष्ट्रीय आंदोलन व आदिवासी समुदाय रहा।
अगले सत्र में भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसका विषय भारतीय स्वत्रंता संग्राम व बनारस, अमृत महोत्सव की प्रासंगिकता, स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की भूमिका रहा। तत्पश्चात कार्यक्रम में देशभक्ति कविता प्रतियोगिता व स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें स्नातक व परास्नातक के छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।