वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के राजनीति विज्ञान विभाग में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ‘राष्ट्रीय आंदोलन के गुमनाम नायक’ विषय पर आयोजित वेबिनार में 1857 के स्वाधीनता संग्राम के गुमनाम सेनानियों को याद किया गया।
मुख्य अतिथि मेघालय के शिलांग स्थित नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के प्रो. अमरेंद्र ठाकुर ने भारत के उत्तर -पूर्वी क्षेत्र के उन स्वतंत्रता सेनानियों से सभी का परिचय कराया, जिन्हे आज तक भारतीय जनमानस जानता तक नहीं है। उन्होंने कहा क उत्तर पूर्व में गांधी और सुभाष के आंदोलनों के विषय में तो लेखन कार्य हुआ है, लेकिन उत्तर-पूर्व के कूकी जनजाति, नागालैण्ड के वांकचो जनजाति के ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध संघर्ष को रेखांकित नहीं किया गया। प्रो. ठाकुर ने मणिपुर में अंग्रेजों द्वारा चावल के निर्यात के विरुद्ध महिलाओं के संघर्ष की चर्चा करते हुए कहा कि जीवन यापन के लिए ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध हुए इतने बड़े आंदोलन को इतिहास में नहीं दर्शाया गया।
मुख्य वक्ता क्षेत्रीय एवं ग्रामीण इतिहास लेखन से जुड़ी डॉ. रश्मि चौधरी ने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक रहें बाबू कुंवर सिंह के साथ ब्रिटिश सरकार से लड़ने वाले गुमनाम सिपाहियों के विषय मे विस्तार से बताया। उन्होंने विशेष रूप से दो गुमनाम सेनानी महिलाओं धर्मन देवी एवं गौस बीबी के साथ ही हरिकिशन सिंह और इब्राहिम खान का सन्दर्भ देते हुए राष्ट्रीय आंदोलन मे उनके योगदान की चर्चा की।
वेबिनार की अध्यक्षता विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने की। विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्ववित्यालय के इतिहास विभाग के डॉ. सौरभ वाजपेयी रहे। राजनीति विज्ञान विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. सूर्यभान प्रसाद ने अतिथियों का स्वागत किया। वेबिनार के संयोजक डॉ. जयदेव पाण्डेय ने वेबिनार की विषय प्रस्तावना प्रस्तुत की।
कार्यक्रम मे पुरे देश से 479 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश की बड़ी भागीदारी रही। साथ हीं 25 से ज्यादा विषय के विशेषज्ञ शामिल हुए। संचालन डॉ. पीयूष मणि त्रिपाठी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव निधि सिंह ने दिया। आयोजन समिति मे प्रो. मोहम्मद आरिफ, डॉ. रेशम लाल, डॉ. रवि प्रकाश सिंह, डॉ. विजय कुमार, डॉ. मिथिलेश कुमार गौतम, डॉ. ज्योति, डॉ. सुमन, डॉ. निशा, डॉ. नीलेश झा, डॉ. अमर बहादुर शुक्ला, डॉ. रजनीकांत पाण्डेय, डॉ. जयंती, डॉ. सचिन, डॉ. संजय, डॉ. राम प्रकाश, अविनाश मिश्रा रहे।