वाराणसी। रानी लक्ष्मी बाई भारतीय शौर्य का प्रतीक है।हम सभी को इससे प्रेरणा एवम ऊर्जा मिलती है। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में यह बात राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. केके सिंह सिंह ने कही।
रासेयो और पं. दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठम की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हंसराज ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई को सामने से आकर पराजित करने वाला कोई भी अंग्रेज सैनिक नहीं था। रानी लक्ष्मीबाई की पीठ पर वार करके उन्हें पराजित किया गया। यह रानी लक्ष्मीबाई की हार नहीं जीत है ।
इस अवसर पर प्रियांशु गुप्ता, अंकित कुमार, ह्रदयेश कुमार सिंह, सिद्धार्थ, शिवम, अभिषेक कुमार पांडे, एवं अन्य स्वयंसेवकों ने रानी लक्ष्मीबाई के संदर्भ में विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्वयंसेवकों अतिथियों समन्वयक एवं कार्यक्रम अधिकारी ने रानी लक्ष्मीबाई को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।