वाराणसी। दुश्चिंताओं, बाधाओं एवं दैनिक जीवन के छोटे बड़े असामान्य व्यवहारों के पीछे छुपे कारणों की खोज एवं समाधान में मनोविश्लेषण आधारित चिकित्सा की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बात महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग की पूर्व छात्रा लखनऊ स्थित मनोवैज्ञानिक परामर्शदात्री डॉ. संध्या राय ने कही।
मनोविज्ञान विभाग में शुक्रवार को “अंडरस्टैंड साइकोथेरेपी इन थ्योरी एंड प्रैक्टिस” विषयक एक इंटरएक्टिव सेशन का आयोजन विभागाध्यक्ष प्रो. रश्मि सिंह ने किया था।
डॉ. संध्या राय ने सत्र का प्रारंभ ध्यान की तकनीक से किया, जिससे छात्र छात्राओं में एकाग्रता शांत चित्त एवं प्रसन्नता का संचार हो सके, उसके बाद सिगमंड फ्रायड द्वारा प्रतिपादित मनोविश्लेषण आधारित मनोचिकित्सा पद्धति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए चेतन अर्धचेतन एवं अवचेतन एवं मन, मनोलैंगिक विकास की 5 अवस्थाओं के साथ-साथ मनोग्रस्ता बाध्यता विकृति के साथ संबंधित करते हुए परामर्शन करते हुए अपने अनुभव के साथ जोड़ते हुए गुढ़ जानकारी प्रदान की।
अंत में छात्र-छात्राओं ने अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्रश्नोत्तर द्वारा प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. पूर्णिमा श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस दौरान प्रो. शेफाली ठकराल, डॉ. प्रतिभा सिंह, डॉ. मुकेश कुमार पंथ, डॉ. दीपमाला सिंह बघेल, डॉ. पूनम सिंह, डॉ. रश्मि रानी, डॉ. कंचन शुक्ला, अमित आदित्य, निखिल मांधाता, ईवा, अर्जुन उपस्थित रहे।