वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। उनका एकात्मक मानववाद का सिद्धांत भारतीय विकास एवं समृद्धि का मूल मंत्र है।
राष्ट्रीय सेवा योजना की विद्यापीठ इकाई की ओर से आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर का शुभारंभ सामूहिक रूप से डॉ. उर्जस्विता सिंह,डॉ. सुरेखा जायसवाल, डॉ. किरन सिंह के संयोजन में हुआ। शिविर के द्वितीय दिवस का शुभारंभ पंडित दीनदयाल जी की पावन पुण्यतिथि पर पं. दीन दयाल उपाध्याय शोधपीठ सभागार में श्रद्धांजलि सभा के साथ हुआ। मुख्य अतिथि विधायक डॉ. नीलकण्ठ तिवारी रहे। अध्यक्षता कुलपति ने की और विशिष्ट अतिथि प्रो. शेफाली वर्मा ठकराल, समन्वयकप प्रो केके सिंह रहे।
अतिथियों, सभी अध्यापक-अध्यापिकाओं, राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र छात्राओं ने ॐ शांति पाठ के माध्यम से पं. दीनदयाल उपाध्याय जी को मौन श्रद्धांजलि दी।
मुख्य अतिथि डॉ. नीलकण्ठ तिवारी जी ने पं. दीनदयाल के जीवन वृत एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय जनमानस के लिए उनके मूल्यवान योगदान व जीवन दर्शन पर चर्चा की तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए दिए गए मूल्य मंत्र भी बताए। उन्होंने पंडित दीनदयाल जी के जीवन संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए सभी स्वंय सेवकों का मार्गदर्शन किया।
विशिष्ट अतिथि प्रो. शेफाली वर्मा ठकराल ने बताया कि दीनदयाल ने अनेकता में एकता का मंत्र दिया तथा अपने शरीर का कण- कण एवं जीवन का क्षण-क्षण राष्ट्रहित में समर्पित कर दिया।
कार्यक्रम संयोजक प्रो. केके. सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए पं. दीनदयाल जी के जीवन दर्शन पर भी प्रकाश डाला। संचालन डॉ. उर्जस्विता सिंह एवं धन्यावाद ज्ञापन डॉ. किरन सिंह ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न संकायों और विभागों के आचार्य , छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही। राष्ट्रीय सेवा योजना की सभी स्वयंसेविकाएं सफेद गणवेश में उपस्थित रहीं।