वाराणसी। आज के भौतिकतावादी दौर में आरोग्य सहज जीवनशैली व्यक्ति, समाज एवं देश के लिए महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से ही हम स्वास्थ्य पर बजट को कम करके देश के विकास को बढ़ा सकते हैं। स्वास्थ्य आरोग्य जीवन शैली से देश का अतिरिक्त बजट कम करके विकास योजनाओं को बढ़ा सकते हैं। आरोग्य सहज जीवन शैली के लिए व्यक्ति को जीवन में सदैव सकारात्मकता बनाये रखनी चाहिए।
यह बातें आरोग्य सहज जीवन शैली विषय पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि डॉ. इंद्रनील बसु ने कहीं। आरोग्य सहज जीवनशैली जागरूकता विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और बताया कि आरोग्य जीवनशैली को अपनाकर व्यक्ति, समाज एवं देश का आर्थिक विकास संभव है। विशिष्ट अतिथि डॉ. मीनाक्षी सिंह ने आरोग्य सहज जीवन शैली के लिए योग, व्यायाम, सूर्य नमस्कार, पौष्टिक खानपान के महत्व को बताया। विशिष्ट अतिथि डॉ. मनीष त्रिपाठी ने प्राचीन भारतीय जीवनशैली की वर्तमान में प्रासंगिकता पर चर्चा की।
विशिष्ट अतिथि वैद्य ध्रुव अग्रहरि ने आरोग्य जीवन के लिए आयुर्वेद एवं योग के महत्व को समझाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. ब्रजेश कुमार सिंह ने की।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ.अंकिता गुप्ता तथा सह- समन्वयक डॉ. राकेश कुमार तिवारी हैं। कार्यक्रम में शारीरिक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ सह-आचार्य डॉ. कुंदन एवं अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर राजेश पाल, डॉ. पारसनाथ मौर्य, डॉ. अमित सिंह, डॉ. गंगाधर, डॉ. ऊर्जस्विता सिंह, डॉ.पारिजात सौरभ एवं डॉ. शशिबाला भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शोध छात्रा श्रेया सिंह ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार तिवारी ने किया। अन्य छात्र-छात्राओं में प्रियंका श्रीवास्तव, नीलम जयसवाल, संजय, साएमा, दीक्षा, शिवम, वैष्णवी, श्रद्धा, कार्तिक, विनय, सूर्यकांत, बंटी, सनी, अमित, जयप्रकाश, सतीश ने भी अपनी सक्रिय सहभागिता दी।