वाराणसी। आईएसओ 2022 के एक सर्वे के अनुसार मात्र 46% भारतीय युवाओं में ही रोजगार परक कौशल है और वह भी जानकारी एवं निष्पादन एवं उपयोग के अभाव में कमजोर होता जा रहा है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग में मेधा लर्निंग फाउंडेशन के साथ शनिवार को एकदिवसीय स्किल डेवलपमेंट वर्कशॉप में यह बात विभागाध्यक्ष डॉ. रश्मि सिंह ने कही। वर्कशॉप का मुख्य विषय करियर गाइडेंस फॉर साइकोलॉजी स्टूडेंट्स था। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला मनोविज्ञान विभाग के छात्रों के कैरियर को न केवल नए आयाम प्रदान करेगी बल्कि उन्हें ऐसे कौशल को स्वयं में विकसित करने के लिए जागरूक करेगी। वर्कशॉप में छात्रों को मनोविज्ञान से सम्बंधित रोजगार के अवसरों के बारे में अवगत कराया गया।
किरण सोसाइटी के डॉ. राजेंद्र नाथ राय ने बताया कि किस प्रकार से छात्र अपने विषय के अनुसार अपने करियर को आगे ले जा सकते है तथा प्राइवेट एवं गवर्नमेंट सेक्टर में आने वाले अवसरों के बारे में भी जागरूक किया। उन्होंने अपने स्किल एवं रुचि को रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रोत्साहित किया। मेधा से यतेन्द्र सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अच्छा करियर कैसे बनाएं इसके बारे में मार्गदर्शन प्रदान किया |
मुख्य अतिथि डॉ. रमन पंत जी (प्लेसमेंट सेल कोऑर्डिनेटर) ने कहा कि आज चंद्रशेखर आजाद की जयंती के अवसर उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व साथ ही देश पर मर मिटने के जज्बे को युवाओं को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। मनोविज्ञान विभाग के छात्र-छात्राओं ने मनोवैज्ञानिक परामर्श एवं अन्य गतिविधियों के संचालन हेतु एक्टिविटी क्लब एवं परामर्श सहायता समूह गठित करने का आह्वान किया।
कार्यकम का संचालन मेधा की सोनाली सिंह एवं परितोष कुमार ने किया। वर्कशॉप में मनोविज्ञान विभाग के 100 से अधिक छात्रों ने शिरकत की। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मुकेश कुमार पंथ एवं संचालन मेधा लर्निंग फाउंडेशन कीअपराजिता ने किया। इस अवसर पर ऑर्गनाइजिंग कमेटी के सदस्य डॉ. पूर्णिमा श्रीवास्तव, डॉ. संतोष कुमार सिंह , डॉ. दीपमाला सिंह बघेल डॉ. कंचन शुक्ला, डॉ. रश्मि रानी और मेधा से अपराजिता वर्मा, मंजरी तिवारी, धनंजय, नेहा, मनीष, मांधाता, शुभम, वंदना, श्रेयांश आदि मौजूद रहे|