वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अर्थशास्त्र विभाग में बुधवार को छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा की शपथ दिलाई गई। कौमी एकता सप्ताह के तहत ‘ राष्ट्र के उन्नयन में सांप्रदायिक सदभाव का महत्व’ विषय पर परिचर्चा भी आयोजित की गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अर्थशास्त्र विभाग के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. पारस नाथ मौर्या ने सांप्रदायिकता के मूल कारणों की चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए सौहार्द आवश्यक है। उन्होंने बताया कि विभिन्न देश किस प्रकार से सांप्रदायिकता की तरफ बढ़ रहे हैं। उन्होंने देश के आर्थिक विकास के अंतर्गत सांप्रदायिक सद्भाव के महत्व की विस्तृत विवेचना करते हुए विभिन्न देशों के तुलनात्मक अध्ययन के अंतर्गत भारत के आर्थिक मोर्चे पर पिछड़ेपन की गहन चर्चा की।
मुख्य अतिथि छात्र कल्याण संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ केके सिंह ने कहा कि जब भी हम उन्नयन व विकास की बात करते हैं तो उसका आधारभूत उद्देश्य सदैव शांति ही होती है। उन्होंने यह भी बताया कि अशांति का कारण सांप्रदायिक सद्भाव की कमी है तथा यह समाज का बाधक तत्व भी है। मुख्य वक्ता अर्थशास्त्र विभाग की वरिष्ठ आचार्या डॉ. अंकिता गुप्ता तथा विभाग के डॉ. राकेश तिवारी ने बताया कि इतिहास सांप्रदायिक सौहार्द की भावना को जोड़ता है। हमें भारतीय इतिहास के कालखंड का अध्ययन करने की विशेष आवश्यकता है। हमें राष्ट्र के मूल भाव को समझकर उसकी चित्ति को अपनाने का प्रयास करना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि दर्शनशास्त्र के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अम्बरीश राय तथा डॉ. शिवपूजन यादव ने सद्भाव का महत्व बताया। उन्होंने कहा समाहित होकर सद्भाव करने से ही विकास संभव है। इसी क्रम में विधि विभाग के डॉ. हंसराज ने कहा कि सबसे बड़ा धर्म मानव धर्म है और राष्ट्रीय एकता सभी धर्मों से ऊपर है। कार्यक्रम में प्री पीएचडी कोर्स वर्क के विद्यार्थियों ने भी विचार रखे, जिनमें नमिता, रीना, श्वेता, सुरभि, अखिलेंद्र तथा वेद शामिल रहे। उन्होंने कहा कि धर्म हित से ऊपर उठकर राष्ट्र हित के बारे में सोचना चाहिए। सांप्रदायिकता का मुकाबला एकता एवं सद्भाव से ही किया जा सकता है। उन्होंने सर्वे भवंतु सुखिन: व वसुधैव कुटुंबकम की भावना को आत्मसात करने की सलाह दी। अतिथियों का स्वागत व कार्यक्रम का विषय प्रवर्तन आयोजन सचिव डॉ.. उर्जस्विता सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्री पीएचडी कोर्स वर्क के विद्यार्थी अनुप्रिया और केतन ने किया। संयोजन अर्थशास्त्र विभाग के डॉक्टर पारिजात सौरभ ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्री पीएचडी कोर्स वर्क के विद्यार्थी मुकेश ने दिया। उक्त कार्यक्रम में अर्थशास्त्र विभाग के डॉ. शशि बाला, डॉ. अमित कुमार सिंह, डॉ. गंगाधर आदि के अलावा बीए, एमए तथा पीएचडी कोर्स वर्क के समस्त छात्र – छात्राओं के साथ बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान द्वारा किया गया ।
सामान्य से ज्यादा मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं से हो रही

मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. रश्मि सिंह की अध्यक्षता में एक जागरूकता अभियान विभाग के विद्यार्थियों के लिए चलाया गया, जिसमें बीए, एमए एवं शोध के विद्यार्थी सम्मिलित थे। प्रो. शेफाली वर्मा ठकराल ने उन्हें सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं से संबंधित आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि सामान्य मृत्यु से ज्यादा सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो रही है, जो अत्यंत विचारणीय विषय है l अतः इस विषय पर स्वयं जागरूक होकर जनमानस में भी जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। डॉ. प्रतिभा सिंह ने छात्र छात्राओं को 26 नवंबर को होने वाली जागरूकता रैली के संबंध में बैनर और पोस्टर के साथ-साथ स्लोगन्स के बारे में भी जानकारी दी। डॉ. दीपमाला सिंह बघेल ने बच्चों को अनुशासित रहकर यातायात के नियमों का पालन करने एवं स्वयं जागरूक होकर दूसरों को जागरूक करने की बात कही l डॉ. कंचन शुक्ला, डॉ. रश्मि रानी और डॉ. पूर्णिमा श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को अनुशासित रहकर यातायात सुरक्षा एवं सड़क सुरक्षा के विभिन्न पक्षों के बारे में जानकारी देते हुए 26 नवंबर को होने वाली रैली में उत्साहित रहकर कार्यक्रम के सफल आयोजन की अपील की।