वाराणसी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने कहा कि न्याय व्यवस्था को चुस्त एवं दुरुस्त रखने के लिए ज्ञान का विस्तार एवं समय के अनुसार डिजिटलीकरण को आत्मसात करना चाहिए।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विधि संकाय में रविवार को आयोजित परिचर्चा में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने आपने छात्रों को विधि के विभिन्न दृष्टान्तों का हवाला दे कर मेहनत एवं लगन से पढ़ने की सीख दी।
परिचर्चा के दूसरे वक्ता वाराणसी के सीजेएम श्री अश्वनी कुमार ने भी विधि में शिक्षा के विभिन्न आयामों की चर्चा की। परिचर्चा के अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने कहा कि वर्तमान में विधि शिक्षा में प्रौद्योगिकी का बढ़ता वर्चस्व एवं वैश्विक समाज के साथ तालमेल बैठा कर ही विधि शिक्षा के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस अवसर पर छात्रों के साथ अन्तरक्रियात्मक संवाद का भी आयोजन किया गया।
अतिथियों का स्वागत प्रो. रंजन कुमार ने किया। संचालन डॉ. मेराज हाशमी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिल्पी गुप्ता ने किया। इस अवसर पर डॉ. हंसराज, कुलदीप नारायण, डॉ. रामजतन प्रसाद, डॉ. शशंक चन्देल, धनन्जय कुमार शर्मा एवं पदन कमार सहित सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।