वाराणसी। स्वस्थ जीवन जीने के लिए कार्यक्षेत्र और कार्यशैली में लयबद्धता होनी चाहिए। केंद्रीय तंत्रिकातंत्र और और मांसपेशियों में समन्वय होना भी जरूरी है।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में चल रहे निःशुल्क योग महोत्सव में गुरुवार को शारीरिक शिक्षा एवं योग विभागाध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार गौतम ने प्रतिभागियों से कही। उन्होंने कहा कि इन मंत्रों पर काम करने से किसी भी प्रकार के व्यायाम का संपादन सुगम हो जाएगा तथा आंतरिक अंगों की क्रियाशीलता से सभी तंत्र प्रभावी तरीके से कार्य लगेंगे,जिसका परिणाम हमारी शरीर मानसिक और वैचारिक स्वास्थ्य के रूप में परिलक्षित होंगे। किसी भी कार्य को लयबद्ध तरीके से करने पर वह एक व्यायाम के रूप में परिवर्तित हो जाता है।व्यायाम चाहे कोई भी हो सही तरीके और लय से किया गया तो निश्चित प्रभाव कारी होता है।
किसी भी कार्य को लयबद्ध तरीके से करने पर वह एक व्यायाम के रूप में परिवर्तित हो जाता है। व्यायाम चाहे कोई भी हो सही तरीके और लय से किया गया तो निश्चित प्रभावकारी होता है। प्रशिक्षण सत्र में डॉ. राधेश्याम राय, लालता प्रसाद, शर्मा सिंह, डॉ. सुरेंद्र राम, जयशंकर प्रसाद सिंह, डॉ. बालरूप यादव, डॉ. चंद्रमणि, अमित कुमार गौतम, भूपेंद्र उपाध्याय, रमेश यादव, निशा यादव, प्रताप शंकर दुबे सहित बड़ी संख्या में विश्व विद्यालय के अध्यापक कर्मचारी नागरिक तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे ।