वाराणसी। सांख्यिकी की जानकारी ही शोध का आधार होती है। डॉ. अनिल कुमार ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के शिक्षा शास्त्र विभाग के शोधार्थियों के लिए आयोजित उन्मुखीकरण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कही।
डॉ. अनिल ने सांखिकी के महत्व के बारे में बताया कि शोध की पूर्णता सांखिकी के बिना संभव नही है। सांखिकी का प्रयोग प्रस्तावना से लेकर शोध अंतराल, उद्देश्य, परिकल्पना, शोध विधि तंत्र तथा परिणाम के विश्लेषण मे किया जाता है। डॉ. अनिल ने आंकड़ा संग्रह के उपरांत विश्लेषण की प्रक्रिया को सम्यक भाव से जानने पर बल दिया। उन्होंने गुणात्मक व परिमाणात्मक शोध मे प्रयुक्त होने बाली सांखिकीय विधियों मे अंतर को विविध उदाहरणों से स्पष्ट करते हुए कहा कि उद्देश्य, परिकल्पना एवं शोध विधियों के आधार पर ही सांखिकीय विधियों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
मुख्य वक्ता का स्वागत डॉ. राखी देब ने तुलसी का पौधा देकर किया गया। संचालन अरविंद सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन शालिनी मिश्रा ने किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र वर्मा, डॉ दिनेश, डॉ. वीणा, रमेश, शिखा राय, विजेता सिंह, मनोज यादव, विनय सिंह, रीता यादव, अरविंद सिंह, पूनम, विजेता, ज्योति मिश्र, ज्योति झा, रोहिणी मालवीय, नैना चौरसिया उम्मुल फातमि समेत समस्त शिक्षक व शोधार्थी उपस्थित थे। यह जानकारी विवि के सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी डॉ. नवरतन सिंह ने दी।