वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के समाज कार्य विभाग के प्रो. राजाराम शास्त्री सभागार में शनिवार को स्त्रियों के प्रति हिंसा के उन्मूलन पर सेमिनार का आजोयन किया गया। इसमें यह विचार सामने आया कि स्त्रियों को 85 फीसदी हिंसा अपने घर में झेलनी होती है। इसलिए घर का माहौल बदलना जरूरी है।
कार्यक्रम के संयोजक प्रो. संजय ने अतिथियों का स्वागत किया एवं विषय प्रवर्तन करते हुए स्त्रियों के प्रति होने वाली हिंसा के विभिन्न स्वरूपो एवं प्रकारों शारीरिक हिंसा, यौनिक हिंसा एवं मानसिक हिंसा – अंतरंग सम्बन्धों में पिटाई, हत्या, बलात्कार, छेड़छाड़, जबरदस्ती विवाह, जननांगों का अंग भंग करने, स्त्रियों एवं लड़कियों की तस्करी एवं बाल विवाह की समस्या पर चर्चा की। साथ ही स्त्रियों के प्रति हिंसा उन्मूलन का अंतरराष्ट्रीय दिवस के थीम यूनाइट: एक्टिविज्म तो इंड वायलेंस अगेंस्ट वीमेन एंड गर्ल्स पर चर्चा करते हुए बताया कि सभी लोगों को एक एक्टिविस्ट के रूप में महिलाओं को हिंसा से बचाने हेतु सक्रिय होने की आवश्यकता है, नारीवादी लोगों के सहयोग हेतु खड़े होने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि स्त्रियों के प्रति होने वाली हिंसा की घटनाओं में से 85 प्रतिशत घटनाएं घर के अंदर घटित हो रही हैं। अतएव हम सभी को घर के माहौल को बदलने की ज़रूरत है।
प्रमुख वक्ता प्रो. शैला परवीन ने महिलाओं के प्रति होने वाली क्रूरता को एक चक्र के रूप में परस्तुत किया कि किस प्रकार से महिलाएं अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों को सहती है और कुछ कह नहीं पाती । दखल संस्था के मैत्री एवं काजल ने घर की मुर्गी फिल्म का प्रदर्शन एवं महिलाओं के उर घरेलू जिम्मेदारियों के बोझ एवं उनके द्वारा किया जा रहे कार्यों को घर के पुरुषों एवं बच्चों द्वारा कोई महत्व न दिया जाना दर्शाया गया महिलाओं की जिम्मेदारियों का पुरुषों को कैसे आभास कराया जाए इसको प्रस्तुत किया और महिलाओं के प्रीति पुरुषों की संकुचित सोच को कैसे बढ़ता जाए इसपे चर्चा की। शोध छात्र इरशाद ने महिला हिंसा से सम्बंधित संवैधानिक प्रावधानों एवं महिलाओं के आरती होने वाली हिंसा एवं अपराध का डेटा प्रस्तुत किया।
सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष एवं संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार मिश्रा ने इस बात पर बल दिया की परिवार जैसी इकाई को हिंसा से मुक्त रखने होगा एवं घर के सभी सदस्यीन को घरेलू कार्यों की जिम्मेदारी लेनी होगी। सेमिनार में प्रो. वंदना सिन्हा, प्रो. एमएम वर्मा, प्रो निमिषा गुप्ता, प्रो. अनिल कुमार चौधरी, डॉ. सतीश कुशवाहा, डॉ. आलोक शुक्ला, डॉ. अश्वनी सिंह, डॉ. रमेश कुशवाहा छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो. कृष्ण कुमार सिंह, एमएसडब्ल्यू, एमएआईआरपीएम, एमएएसआरडी के विद्यार्थी एवं समाज कार्य के शोध छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संदीप गिरि ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. निमिषा गुप्ता ने किया।