वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 44वें दीक्षांत के उपलक्ष्य में ललित कला विभाग मे काशी के रंग विद्यापीठ के संग विषय पर चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन मानविकी संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष प्रो. अनुराग कुमार ने शुक्रवार को दीप प्रज्ज्वलित कर विभाग के सभागार में किया।

मुख्य अतिथि प्रो. अनुराग कुमार ने कहा कि कला एक भाषा है।इस भाषा को जीवन मे उतारने के लिए बहुत परिश्रम की आवश्यकता होती है। इस भाषा के माध्यम से ज्ञान, सांस्कृति कों परखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जीवन के सफेद कैनवासो पर रंगों की छटा बिखेरने के लिए कला की आवश्यकता है।
प्रदर्शनी में युवा चित्रकार अजय गुप्ता ने मन चंगा, कठौती में गंगा विषय पर आधारित अपने रंग बरस के माध्यम से हूबहू दर्शाने का प्रयास किया है, जो सराहनीय है। इनके दूसरे कीर्ति मशान की होली भी काफी प्रभावित करता दिख रहा है। शिवांगी शर्मा ने संपूर्ण काशी कों मोक्ष की नगरी दर्शाने का प्रयास किया है। नेहा ने अपने रंग बरस के माध्यम से काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह और काशी के धरती को दर्शाने का प्रयास आकर्षण का केंद्र है। इसी कड़ी में धीरज कुमार नीरज ने शिव का तांडव नृत्य एवं बिरजू महाराज पर आधारित चित्रों का निर्माण किया है।
रितिक यादव ने बुद्ध पूजा, अंकिता वर्मा ने वाराणसी घाट, मनीषा यादव ने शिव के सवारी नंदी और काशी के त्यौहारो,घाट शिव आदि को दर्शाने का प्रयास किया है। शिवांगी सिंह ने तेरेकोटा के माध्यम से काशी के गलियों मे मुर्गा एवं बिल्लियों को दर्शाने का प्रयास किया है। तेज बहादुर ने वाराणसी घाट को पत्थरों में तलाशने का प्रयास किया है जो लोगो कों अपनी और खींचने का प्रयास कर रहा है। प्रदर्शनी में 45 चित्र एवं 7 मूर्तियों का प्रदर्शन किया गया है।जो दिनांक 10/01/2023 तक अवलोकनार्थ हेतु खुली रहेगी।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी संतोष कुमार शर्मा,डॉ सुनील कुमार विश्वकर्मा,डॉक्टर शत्रुघ्न प्रसाद, डॉक्टर सविता यादव, डॉ.रामराज डॉ स्नेहलता कुशवाहा एवं विभाग के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।