वाराणसी। दुनिया के ताकतवर देशों के समूह जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिलने पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मानविकी संकाय में निबन्ध, लेखन, भाषण, पेंटिंग प्रतियगिता, फैशन शो तथा वित्तीय साक्षरता पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया।
इस प्रतियोगिता में शासन द्वारा निबंध लेखन हेतु दस विषय पहले से निर्धारित किये गए थे। इनमें जी-20 : भारतीय संस्कृति और नई जीवन शैली, जी-20 : डिजिटल अर्थव्यवस्था और आर्थिक विकास के साथ जुड़ाव, जी-20 : जन सहभागिता और आर्थिक विकास, जी-20 : हरित विकास, जी-20 : युवा क्षमता को साकार करना, जी-20 : अवस्थापना और निवेश, जी-20 : समावेशी विकास, जी-20 : बदलते विश्व में भारतीय वित्तीय क्षेत्र में सुधार, जी- 20 : महिला नेतृत्व से विकास, जी- 20 : सतत कृषि पद्धतियां शामिल हैं।
निबन्ध लेखन प्रतियोगिता में विद्यार्थियों का रुझान जी-20 के सन्दर्भ में भारतीय संस्कृति और नई जीवन शैली, महिला नेतृत्व से विकास, समावेशी विकास आदि विषयों पर ज्यादा दिखीं। प्रतियोगिता के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सांत्वना प्राप्त चयनित प्रतिभागियों को 10 फरवरी मुख्यालय वाराणसी पर पुरस्कृत किया जाएगा।
भाषण प्रतियोगिता का आयोजनकेंद्रीय ग्रन्थालय स्थित समिति कक्ष में किया गया जिसमें100 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। पेंटिंग प्रतियोगिता विश्वविद्यालय परिसर स्थित अम्बेडकर पार्क में हुई। इसमें 75 प्रतिभागियों ने G 20 के विभिन्न पहलुओं पर पोस्टर बनाया। फैशन शो ललित विभाग में हुआ, जिसमें G 20 के सदस्य देशों के परिधानों तथा संस्कृति का प्रदर्शन कर एक विश्व एक परिवार का संदेश दिया।
विश्वविद्यालय परिसर तथा संबद्ध महाविद्यालय इस प्रतियोगिता में हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज, वाराणसी, जगतपुर पीजी कॉलेज, जगतपुर, वाराणसी, महाराजा बलवंत सिंह पीजी कॉलेज, राजातालाब, वाराणसी, अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज, वाराणसी, सनबीम वुमेन्स पीजी कॉलेज, वाराणसी, घनश्याम सिंह पीजी कॉलेज, वाराणसी, विक्रम कन्या महाविद्यालय, मुगलसराय, चंदौली, जेएनएम कॉलेज, वाराणसी, घनश्याम दुबे पीजी कॉलेज, सुरियावां, भदोही, आदि सम्बद्ध महाविद्यालयों के छात्र एवं छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
यह कार्यक्रम जी-20 के नोडल अधिकारी डॉ. पारिजात सौरभ की देख रेख में सम्पन्न हुआ। संयोजन डॉ. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने किया। प्रतियोगिता को सम्पन्न कराने में अर्थशास्त्र विभाग से प्रो. राजीव कुमार, डॉ. ऊर्जस्विता सिंह, हिंदी विभाग से प्रो. अनुकूल चंद्र राय, संस्कृत विभाग से डॉ. दिनेश चंद्र सिंह, अर्थशास्त्र विभाग से डॉ. पारसनाथ मौर्य, डॉ. राकेश कुमार तिवारी एवं डॉ. गंगाधर के साथ हिंदी विभाग के शोध छात्र अंकित, बलिराम, अभिषेक, आकाश, मनीष, प्रवीण, अखिलेश्वर, रमेश, अमित तथा अर्थशास्त्र विभाग से निखिल, दीपाली कुमारी, यश कुमार, सोहैल अहमद आदि ने महत्वपूर्ण सहयोग ज्ञापित किया।