वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषा विभाग में आयोजित सात दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम के समापन सत्र का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.आरपी सिंह ने शोधार्थियों को अंग्रेजी साहित्य में रिसर्च के दौरान ध्यान रखने योग्य चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि शोधार्थियों के लिए सर्वप्रथम आवश्यक शर्त है कि वह अपने शोध विषय से संबंधित पुस्तकों का संग्रह कर उनका अध्ययन करें और महत्वपूर्ण बातों को अंकित करें। तत्पश्चात अपने अध्ययन के आधार पर शोध की रूप -रेखा का निर्धारण एवं शोध प्रबंध लिखने की प्रक्रिया आती है। शोध प्रबंध लिखते वक्त शोधार्थियों को व्याकरण, स्पेलिंग, पंक्चुएशन इत्यादि का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी साहित्य का विद्यार्थी होने के नाते विद्यार्थियों को सही उच्चारण सीखने तथा निरंतर उसका अभ्यास करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एवं नैक कोआर्डिनेटर प्रो. मो.आरिफ ने रिसर्च मेथाडोलॉजी एवं इसके विभिन्न चरणों पर प्रकाश डाला। दर्शन विभागाध्यक्ष एवं मुख्य गृहपति प्रो.राजेश कुमार मिश्र ने शोधार्थियों को शोध संबंधी नैतिकता का दृढ़ता से पालन करने की सलाह दी। समापन से पूर्व डॉ.नवरत्न सिंह ने ‘इंटरप्रिटेशन ऑफ पैन इंडियन आईडेंटिटी थ्रू भाषा लिटरेचर एंड एन. ई. पी. 2020’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषा में लिखे गए साहित्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिना अनुवाद के नहीं पहुंचा जा सकता और अगर हम ऐसा कर लेते हैं तो हम अपने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को आगे बढ़ाने में सफल जरूर होंगे।
अध्यक्षीय उद्बोधन में मानविकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. योगेंद्र सिंह ने रामायण के उदाहरण के माध्यम से शोध प्रक्रिया में आने वाली विभिन्न समस्याओं एवं उनके समाधान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि शोधार्थी की अपनी कुछ विशेषताएं होती हैं, जिनको आत्मसात करके ही वह मौलिक व गुणवत्तापूर्ण शोध संपादित कर सकता है|
अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष प्रो. नलिनी श्याम कामिल ने किया। सात दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम की संक्षिप्त रिपोर्ट डॉ. आरती विश्वकर्मा द्वारा प्रस्तुत की गयी। कार्यक्रम में शोधार्थियों ज्योति कुमारी, अभिषेक कुमार, आकांक्षा सिंघम, हर्षा सिंह, सना अमरीन ने कार्यक्रम की उपादेयता पर विचार प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. किरन सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ रीना चटर्जी ने किया। विभाग की शिक्षक डॉ. कविता आर्य, डॉ. नीरज कुमार सोनकर एवं शोधार्थी उपस्थित रहे। 15 नवंबर को विभाग की ओर से ‘बिरसा मुंडा: ए ट्राईबल फ्रीडम फाइटर’ विषय पर आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को अतिथियों ने प्रमाण पत्र भी दिए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।